नई दिल्ली। जोधपुर जेल की सलाखों के पीछे बैठे आसाराम बापू प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गुजरात की एक अदालत को निर्देश जारी किए। चीफ जस्टिस जेएस खेहर सहित तीन जजों की बैंच ने सूरत की अदालत को निर्देश दिए कि कथित दुष्कर्म की पीडि़ताओं सहित अभियोजन के शेष गवाहों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया को तेज किया जाए। कोर्ट ने कहा कि गवाहों के परीक्षण का काम यथाशीघ्र तेजी से किया जाए। कोर्ट के समक्ष गुजरात सरकार के अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस प्रकरण में अभियोजन के दो गवाहों की हत्या हो चुकी है, जबकि 29 गवाहों का परीक्षण हो चुका है अब शेष 46 गवाहों के साक्ष्य दर्ज होने शेष है। कोर्ट ने जुलाई माह में सुनवाई को सूचीबद्ध किया और कहा कि मामले को ओर अधिक न लटकाएं। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को उनके स्वास्थ्य सहित अन्य आधारों पर जमानत देने की अपील को ठुकरा दिया था। गौरतलब है कि आसाराम अगस्त 2013 से ही जेल में है। सूरत निवासी दो बहनों ने आसाराम व उनके पुत्र नारायण सांई के खिलाफ दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थी। जिसमें बलात्कार करने और गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने सरीखे अनेक आरोप है।
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