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Supreme Court to hear today in verdict right to privacy

स्वराज अभियान ने ओडिशा अवैध खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय का  स्वागत किया

उड़ीसा. ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए, कॉमन कॉज़ द्वारा दायर याचिका की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने उड़ीसा में खनन कार्य से जुड़ी कंपनियों को बड़े पैमाने पर अवैध, अंधाधुंध और घोर लालचपूर्ण खनन का दोषी पाया है। न्यायमूर्ति शाह आयोग ने भी मामले में इसी प्रकार की गंभीर रिपोर्ट पहले ही दी थी। शाह आयोग ने निष्कर्ष निकाला था कि राज्य के सिर्फ दो जिलों क्योंझर और सुंदरगढ़ में करीब 70,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।

आज सुप्रीम कोर्ट के अपने ऐतिहासिक फैसले में अदालत ने आदेश दिया है कि गैरकानूनी खनन में शामिल कंपनियों को अवैध खनन के मूल्य पर 100% जुर्माना देना होगा। मामले की सुओरीम कोर्ट में वक़ालत करने वाले स्वराज अभियान के अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि वह एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करेगा ताकि यह जांच हो सके कि इस तरह के बड़े पैमाने पर अवैध निष्कासन कैसे संभव हो सका और साथ ही समिति द्वारा इसके समाधान के तरीकों का सुझाव भी दिया जाएगा। समिति के गठन के उपरांत सीबीआई जांच के पर भी विचार किया जाएगा।”प्रशांत भूषण ने बताया कि “अदालत ने ‘पीढ़ी दर पीढ़ी’ इक्विटी के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए सरकार को एक नई खनन नीति तैयार करने का निर्देश भी दिया, ताकि खनिज और पर्यावरण को अगली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सके।”स्वराज अभियान इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले के लिए सर्वोच्च न्यायालय को सलाम करता है। यह निर्णय  देश में अवैध खनन को रोकने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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