नयी दिल्ली : बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय में ‘ निश्चित रूप से अब कोई संकट नहीं’ है और उच्चतम न्यायालय में शीघ्र ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय के चार शीर्ष न्यायाधीश खुले तौर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ सामने आ गए थे। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि सात सदस्यों वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने कल न्यायमूर्ति रंजन गोगोई से मुलाकात की और उन्होंने उन्हें आश्वस्त किया है कि अब कोई सकंट नहीं है।
न्यायमूर्ति गोगोई उन चार न्यायाधीशों में से एक हैं जिन्होंने 12 जनवरी को एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के काम-काज के तरीके पर सवाल उठाया था । मीडिया में इस बारे में आ रही खबरों के बारे में जब मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने बताया, “ न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा है कि संकट खत्म हो गया है। उन्होंने कहा है कि अब कोई विवाद नहीं है।” इस महीने 12 जनवरी को उच्चतम न्यायालय के चार शीर्ष न्यायाधीशों न्यामूर्ति जे चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसेफ ने खुले तौर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई में उच्चतम न्यायालय के काम-काज पर सवाल उठाया था।
बीसीआई अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि किस आधार पर मीडिया का एक धड़ा यह कह रहा है कि यह संकट सुलझने से अभी कोसों दूर है। लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले को अब और आगे खींचने की कोई जरूरत नहीं है। मिश्रा का ध्यान जब अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल के बयान की तरफ दिलाया गया तो उन्होंने कहा, “ मुझे नहीं पता कि कैसे और क्यों अटॉर्नी जनरल इस तरह की बातें कह रहे हैं। सभी न्यायाधीश न्यायालय जा रहे हैं और उच्चतम न्यायालय में काम-काज सामान्य रूप से चल रहा है।
उन्होंने कहा, “ इसलिए अब सार्वजनिक मंच पर कुछ सामने नहीं आएगा और शीघ्र ही सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे। निश्चित रूप से अब कोई संकट नहीं है।” उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ आवाज उठाने वाले चारों न्यायाधीशों ने कल से अपना काम-काज शुरू कर दिया है। वहीं अटॉर्नी जनरल ने इस अप्रत्याशित संकट को ‘चाय के कप में आया तूफान’ बताया था।