Supreme Court

नयी दिल्ली : सरकार ने स्पष्ट किया कि वह उच्च्तम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों द्वारा आज एक संवाददाता सम्मेलन में कही गई बातों से संबंधित मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी और न्यापालिका खुद इसे सुलझा लेगी। इन न्यायाधीशों ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शीर्ष अदालत में सबकुछ ‘‘ठीकठाक नहीं’’ है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि क्योंकि विगत में कभी इस तरह का मुद्दा देखने को नहीं मिला, इसलिए कार्यपालिका इंतजार करो और देखो की नीति अपनाएगी।

कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने कहा, ‘‘हमारी न्यायपालिका विश्वभर में प्रतिष्ठित है, वह स्वतंत्र है और मामले को खुद सुलझा लेगी।’’ सूत्रों ने कहा कि क्योंकि यह न्यायपालिका का आंतरिक मामला है, इसलिए सरकार को इसमें कुछ नहीं करना है और वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहती। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत को मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए क्योंकि न्यायपालिका में लोगों का विश्वास दांव पर है।

उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने आज एक अभूतपूर्व कदम के तहत संवाददाता सम्मेलन बुलाया और कहा कि शीर्ष अदालत में सबकुछ ‘‘ठीकठाक नहीं’’ है और पिछले कुछ महीनों में ऐसी अनेक चीजें हुयी हैं जो ‘‘अपेक्षा से कहीं कम हैं।’’ प्रधान न्यायाधीश के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर ने कहा, ‘‘कभी-कभी उच्च्तम न्यायालय का प्रशासन सही से काम नहीं करता और पिछले कुछ महीनों में ऐसी अनेक चीजें हुयी हैं जो अपेक्षा से कहीं कम हैं।’’ संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ थे।

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