नयी दिल्ली। अयोध्या में 1990 में कार सेवकों पर गोली चलाने का कथित रूप से आदेश देने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिये उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी है। याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गयी है जिसमें अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस को यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से इंकार कर दिया था। उच्च न्यायालय के पिछले साल तीन मई के आदेश के खिलाफ दायर इस अपील में आरोप लगाया गया है कि 30 अक्तूबर, 1990 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये ह्यशांतिपूर्वक आन्दोलनह्ण में हिस्सा ले रहे कारसेवकों पर पुलिस फायरिंग में अनेक ह्यकार सेवक मारे गये थे।
यह अपील लखनऊ निवासी राणा संग्राम सिंह ने दायर की है जिन्होंने मुलायम सिंह यादव , जो 1990 में राज्य के मुख्यमंत्री थे, के खिलाफ इस फायरिंग के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज करने का पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध करते हुये निचली अदालत में याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि समाजवादी पार्टी के नेता ने एक जन सभा में बयान दिया है कि उन्होंने ही मुसलमानों का विश्वास जीतने के लिये पुलिस को कार सेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था। निचली अदालत में याचिका खारिज होने पर संग्राम सिंह ने उच्च न्यायालय में इस आदेश को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत में दायर अपील में उन्होंने कहा है कि उच्च न्यायालय इस तथ्य की सराहना करने में विफल रहा कि एक विशाल जनसभा में यह स्वीकार किया है कि उन्होंने ही ह्यकार सेवकोंह्ण पर गोली चलाने का आदेश दिया था और यही नहीं, उन्होंने एक अन्य जनसभा में यह भी स्वीकार किया कि यदि वह गोली चलाने का आदेश नहीं देते तो इससे मुसलमानों का भरोसा टूट जाता।