नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के क्रीमी लेयर को आरक्षण के लाभ से बाहर करने की मांग की गई है प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष यह मामला रखा गया जिन्होंने याचिकाकर्ता एनजीओ समता आंदोलन समिति से कहा कि याचिका की एक प्रति केंद्रीय एजेंसी को एक हफ्ते के अंदर भेजें।
पीठ ने कहा, ‘‘इस याचिका की एक प्रति केंद्रीय एजेंसी को एक हफ्ते के अंदर भेजें। मामले को दो हफ्ते बाद सूचीबद्ध किया जाए।’’ याचिका में कहा गया है कि एससी और एसटी के लिए आरक्षण और अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक नहीं पहुंच रहे हैं क्योंकि इन समुदायों में क्रीमी लेयर हैं जो आरक्षण के लाभ उठा ले जाते हैं।