नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने आज गोवा की एक अदालत से कहा कि तहलका पत्रिका के संस्थापक तरूण तेजपाल के खिलाफ 2013 के कथित बलात्कार के मामले में गवाहों से पूछताछ की प्रक्रिया शुरू करे। न्यायालय ने कहा कि इस मामले में मुकदमे की सुनवाई पर कोई रोक नहीं लगायी जायेगी। शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि तरूण तेजपाल द्वारा उसके खिलाफ आरोप निर्धारित किये जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर तीन महीने के भीतर फैसला किया जाये। उच्च न्यायालय ने पहले गोवा की अदालत से कहा था कि गवाहों से पूछताछ नहीं की जाये।तेजपाल पर आरोप है कि उन्होंने 2013 में गोवा के पांच सितारा होटल की लिफ्ट में अपनी एक पूर्व सहयोगी का यौन उत्पीडन किया।तेजपाल ने इस बारे में सारे आरोपों से इंकार किया है। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ के समक्ष यह मामला आज सुनवाई के लिये आया तो तेजपाल के वकील ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से कहा है कि इस मामले मे गवाहों से पूछताछ नहीं की जाये। तेजपाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी और वकील प्रमोद कुमार दुबे ने कहा कि उन्होंने किसी भी तरह से इस मुकदमे की सुनवाई में विलंब नहीं किया है और इस प्रकरण में अभियोजन के 151 गवाह है। लेखी ने यह भी दावा किया कि होटल की लिफ्ट के बाहर गलियारे में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पुलिस ने रोक ली है।
दूसरी ओर, राज्य सरकार के वकील ने कहा कि अभी तक किसी भी गवाह से पूछताछ नहीं हुयी है और तेजपाल ने इस मामले में आरोप निर्धारित किये जाने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस मामले में अभियोजन के 151 गवाह हैं लेकिन सुनवाई के दौरान इनमें से कई के नाम हटाये जा सकते हैं। शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि उसने पहले कहा था कि इस मुकदमे की सुनवाई एक साल के भीतर पूरी होनी चाहिए परंतु अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है। पीठ ने कहा, ‘‘यह आम अनुभव है कि जब भी आरोपी को जमानत दे दी जाती है तो वह मुकदमे की सुनवाई पूरी कराने की जल्दी में नहीं होता है।’’ पीठ ने साथ ही स्पष्ट किया कि वह यह नहीं कह रही है कि तेजपाल इस मामले में विलंब कर रहे हैं। पीठ ने उच्च न्यायालय से कहा कि उसके समक्ष लंबित पुनरीक्षण याचिका का यथाशीघ्र लेकिन किसी भी स्थिति में आज से तीन महीने के भीतर निबटारा किया जाये । न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस बीच मुकदमे पर कोई रोक नहीं होगी और निचली अदालत कानून के अनुसार गवाहों से पूछताछ कर सकती है। गोवा की अदालत ने इस साल सितंबर में तेजपाल के खिलाफ कथित बलात्कार और गलत तरीके से रोकने के मामले में आरोप निर्धारित किये थे। तेजपाल को अपराध शाखा ने 30 नवंबर, 2013 को गिरफ्तार किया था और वह मई, 2014 से जमानत पर हैं।