नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि 18 साल से कम उम्र की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना भी बलात्कार की श्रेणी में माना जाएगा। नाबालिग बच्चियों से विवाह के बाद शारीरिक संबंध बनाने को अपराध मानने को लेकर दायर याचिका में केन्द्र सरकार ने जवाब दिया था कि नाबालिग विवाहिता से शारीरिक संबंध को दुष्कर्म की श्रेणी में रखने को गलत बताया था। सरकार ने कहा कि आज भी बाल विवाह हो रहे हैं।
ऐसे में इसे अपराध नहीं माना जाए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने बाल विवाह पर चिंता जताते हुए कहा कि सामाजिक न्याय कानूनों को जिस भावना से बनाया गया था, उसी भावना से उन्हें लागू नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि 15 से 18 साल की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना आईपीसी के तहत दंडनीय होगा और वह रेप की श्रेणी में माना जाएगा। यह नाबालिग बालिका के खुद के शरीर के अधिकार और स्व निर्णय के अधिकार का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बड़ा अहम माना जा रहा है।