नई दिल्ली। किसानों की हालत देश में कैसी है यह किसी से छिपी नहीं है आए दिन अखबारों में देश में जगह-जगह किसान आन्दोलन की खबरे देखने और पढ़ने को मिलती है। लेकिन केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें अभी तक किसानों की समस्याओं को निपटाने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बना पाई है उनके सारे वादे कागजी ही नजर आ रहे हैं और किसान आन्दोलन करने को मजबूर हो रहे हैं। सरकार के प्रयास धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं। महंगाई बढ़ रही है। रोजगार घट रहे हैं। जिससे आमजन परेशान है यही कारण है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने कई किसान और व्यापारी संगठनों को अपने साथ लाकर मुहिम तो स्वदेशी को बढ़ावा देने कि लिए छेड़ी उसी की जानकारी देने के लिए उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की। लेकिन उनके ही मंच से एक किसान नेता ने केंद्र सरकार को खूब खरी-खोटी सुना डाली। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है। जाट ने सरकार पर जिस तरह सवाल उठाए उसका जवाब उन्हीं के साथ बैठे बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेश सिरोही से देते नहीं बना। किसान नेता रामपाल जाट ने कहा, ‘मंदिर-मस्जिद के मुद्दे देश नहीं चलाएंगे, यह व्यक्ति के मुद्दे हैं देश के नहीं। इन्हें मुद्दा बनाना देश के साथ खिलवाड़ है और आर्थिक मुद्दों पर बात होनी चाहिए।’ जब बीजेपी किसान मोर्चा के नेता न्यूतम समर्थन मूल्य बढ़ाने को लेकर सरकार की तारीफ कर रहे थे तो जाट ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा, ‘यह सरकार ऐसे काम कहती है जिसमें उसे कुछ नहीं करना होता। पीएम ने कहा कि किसानों की आय 3 गुना बढ़ाएंगे, पर उसमें उन्हें कुछ नहीं करना है।
एनएसएसओ के मुताबिक 2003 में प्रति माह प्रति किसान परिवार आय 2,115 रुपये थी और 2013 में यह बढ़कर 6,426 रुपये हो गई। तो इस तरह आय तो अपने आप ही 3 गुना हो गई।’ किसान नेता रामपाल जाट ने कहा कि यह दरअसल किसानों की आय नहीं बढ़ी बल्कि महंगाई बढ़ी है। जाट ने कहा कि किसान किसी उत्पाद पर जितना खर्च करते है उसे उतना पैसा तक वापस नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि स्वदेशी जागरण मंच ‘राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान’ चला रहा है। जिसके तहत 29 अक्टूबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली की योजना है। इसमें रामपाल जाट के संगठन किसान पंचायत के साथ ही भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), भारतीय कृषक समाज सहित व्यापारी और इंडस्ट्री के लोग उनके साथ एक मंच पर आए हैं। 29 अक्टूबर की रैली की जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय महामंत्री युद्धवीर सिंह ने कहा कि देश में सबसे कमजोर कड़ी किसान हैं। किसान को उसके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और बाहर से सामान इंपोर्ट कर किसान को मारने का काम हो रहा है। पीएचडी चैंबर आॅफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष रवि विग ने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान इंडस्ट्री को हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस वक्त जरूरत तांडव की है कि हम सब मिलकर चीन को दिखाएं कि हम लोग जागरूक हैं और स्वदेशी को बढ़ावा दें। व्यापारी नेता सतीश गर्ग ने कहा कि चीन के सामान की कोई गारंटी नहीं होती और इससे ग्राहक-व्यापारी के बीच का भरोसा टूटा है। उन्होंने अपील की कि आॅनलाइन सामान खरीदने की बजाय बाजार जाकर सामान खरीदें।