रायबरेली. उत्तर प्रदेश के राय बरेली में स्वराज अभियान के युवा कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों को उजागर करने के लिए प्रधान मंत्री के दौरे से पहले पोस्टर लगा कर अपना विरोध जताने का रास्ता इख्तियार किया. इन पोस्टर पर हाल ही में ३० नवम्बर को दिल्ली में संपन्न किसान संसद के बाद स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष, योगेन्द्र यादव, द्वारा दिए गए नारे “नरेन्द्र मोदी, किसान विरोधी” को लिखा गया था.
स्वराज इंडिया ने प्रेस बयान में कहा, हमारे युवा साथी पुष्कर पाल और सत्य प्रकाश यादव इन पोस्टरों को लगा रहे थे. लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार को इस सत्याग्रह से भी इनकार है. ऐसे में हमारे युवा संगठन यूथ4स्वराज के इन दो कर्मठ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने १४ दिसम्बर को हिरासत में ले लिया. तब हमारे अन्य साथियों के विरोध पर कहा गया कि प्रधानमंत्री के दौरे के चलते यह केवल एहतियाती कार्यवाही है, लेकिन आज 36 घंटे गुज़र जाने के बाद भी इन कार्यकर्ताओं को छोड़ा नहीं गया है. यही नहीं अब इन कार्यकर्ताओं को किसी अज्ञान जगह पर भी नज़रबंद किया गया है.
बहुत पूछने पर पता चला है कि इन्हें राय बरेली कोतवाली से शिवघर थाने भेज दिया गया है. स्वराज अभियान की प्रदेश अध्यक्ष, अर्चना श्रीवास्तव, ने बताया कि वे कल रात शिव्घर थाणे पहुँचीं लेकिन रात १.३० बजे तक भी कार्यकर्ताओं से उनकी बात नहीं करवाई गयी. उस पर यह भी बताया गया कि दोनों कार्यकर्ताओं पर देशद्रोह के अंतर्गत 124ए की धाराएं लगाई जायेंगी.
स्वराज अभियान पिछले तीन वर्षों से किसानों की हक की लड़ाई लड़ रहा है. ऐसे में क्या किसानों के मुद्दे प्रधान मंत्री सामने लाने की हर कोशिश की जा रही है. यह पोस्टर भी ऐसी ही एक कोशिश है. क्या यह मान लिया जाए कि किसानों के अधिकार माँगना, उनका समर्थन करना अब देशद्रोह माना जाएगा? क्या लोकतंत्र में गांधीवादी विरोध भी अब देशद्रोह होगा?
आज उत्तर प्रदेश स्वराज अभियान की अध्यक्ष, अर्चना श्रीवास्तव, आज से राय बरेली कोतवाली के सामने धरना देंगी. स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रशांत भूषण आज इस अलोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरोध में राय बरेली पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख रहे हैं, जो प्रदेश के डी जी पी और मुख्यमंत्री को भी भेजी जायेगी.
स्वराज अभियान इस तानाशाही का विरोध करता है, और यह भी जताता है कि ऐसी हर तानाशाही प्रक्रिया का हम विरोध करेंगे.