नयी दिल्ली. तेलुगू देशम पार्टी: टीडीपी: ने आज रात केन्द्र की राजग सरकार से हटने का फैसला किया और मोदी सरकार में शामिल अपने दो मंत्रियों से कल इस्तीफा देने को कहा। हालांकि टीडीपी ने भाजपा के साथ संबंध बनाए रखने की गुंजाइश भी छोड़ी है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने आनन फानन में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा कि टीडीपी ने‘‘ राज्य के हित में दर्दभरा फैसला’’ किया क्योंकि उसके पास‘‘ कोई अन्य विकल्प’’ नहीं था।मोदी सरकार के ये दो मंत्री केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री अशेाक गजपति राजू और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री वाई एस चौधरी हैं।
टीडीपी के जवाब मेंआंध्र प्रदेश में नायडू सरकार में भाजपा के दो मंत्रियों के. श्रीनिवास राव और टी. माणिकयला राव ने भी इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की।नायडू ने कहा, ‘‘ जब: केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल होने का: उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा तो इसमें बने रहने में कोई तुक नहीं। मेरे लिए एकमात्र एजेंडा राज्य के हितों की सुरक्षा करना है।’’
टीडीपी के इस फैसले से कुछ घंटे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विशेष राज्य के दर्जे वाले राज्य को मिलने वाले कोष के बराबर राशि आंध्र प्रदेश को दी जा सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि राजनीति धन की मात्रा नहीं बढा सकती।
नायडू ने भविष्य में गठबंधन बने रहने की संभावना की ओर संकेत देते हुए कहा, ‘‘ हम राजग से बाहर आ गए हैं लेकिन: भाजपा टीडीपी संबंधों को लेकर: दलों से जुड़े मामलों पर बाद में फैसला किया जाएगा।’’
जेटली ने कहा कि जैसी कि नायडू मांग कर रहे हैं, पूर्वोत्तर के राज्यों तथा तीन पर्वतीय राज्यों के अलावा किसी अन्य राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देना14 वें वित्तीय आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद अब संवैधानिक रूप से संभव नहीं हैं।
टीडीपी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने राजग सरकार से हटने के फैसले के बारे में‘‘ शिष्टाचार’’ के तौर पर जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, ‘‘ गठबंधन में सहयोगी के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी है कि हमारी पार्टी के फैसले के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी जाए। मेरे ओएसडी ने उनके ओएसडी से बात की लेकिन प्रधानमंत्री से बात नहीं हुई।’’