जयपुर। एससी-एसटी एक्ट के संंबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सोमवार को भारत बंद के दौरान राजस्थान के करौली जिले के सबसे बड़े कस्बे हिण्डौन सिटी में बंद समर्थकों की ओर से किए गए उपद्रव और हिंसा के खिलाफ आज वहां के व्यापारी और सर्व समाज सड़क पर आ गया। सुबह से ही व्यापारी व समाज के लोग डेम चौक पर एकत्र हो गए। वे कल हुई हिंसा के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
हजारों की संख्या में लोग हिंसा रोकने में विफल रहे पुलिस और प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी करने लगे। उन्होंने रास्ता जाम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समझाइश करके हटा दिया। इस दौरान वहां मौजूद एक बस्ती की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने इन्हें रोका। नहीं मानने पर मजबूरन पुलिस को लाठीचार्ज करके इन्हें खदेड़ना पड़ा। आसूं गैस के गोले भी दागे, ताकि प्रदर्शनकारी घरों में लौट जाए। कल के हालात को देखते हुए पुलिस ने धारा एक सौ चवालीस लगा दी थी, लेकिन इसके बावजूद हजारों व्यापारी और लोग सड़क पर जमा रहे। पूरा कस्बा बंद रहा। दुकानें नहीं खुली। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प भी होती रही।
इस दौरान एक आसूं गैस का गोला एक स्कूल में जा गिरा, जिससे कई छात्रों की तबीयत बिगड़ गई। स्कूल में ही बच्चों का इलाज करवाया गया। जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक समेत आला अफसर हिण्डौन सिटी में रहकर स्थिति पर नजर रखे हुए है। वे लोगों की समझाइश में लगे हैं। पुलिस ने उपद्रवियो की पहचान करके गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है। हालांकि स्थानीय व्यापारियों और लोगों में इस बात का गुस्सा है कि कल बंद के दौरान बंद समर्थक दुकानों में तोडफोड, लूटपात और मारपीट करते रहे। वाहनों में तोडफोड और आगजनी की, लेकिन पुलिस ने इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी और नुकसान झेलना पड़ा।