गुवाहाटी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में समग्र संचार दृष्टिकोण हेतु सूचना और प्रसारण मंत्रालय के लिए कौशल विकास पहली प्राथमिकता वाला क्षेत्र होगा। यह पिछले साल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सरकारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का पूरक होगा। इससे मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलेगा। अरुणाचल प्रदेश में प्रस्तावित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान और आइजोल में भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के स्थायी कैंपस स्थापित होने से युवा आबादी को उनकी जरूरतों और आकांक्षाओं अनुरूप गुणवत्ता परक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह बात मंत्री महोदय ने गुवाहाटी में मंत्रालय के अधिकारियों के साथ पूर्वोत्तर के लिए शुरू किये गए कार्यक्रमों और नीतियों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक के दौरान कही। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवल, पूर्वोत्तर क्षेत्र के अधिकारियों के साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। नायडू ने आगे कहा कि, कोलकाता स्थित सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान के विस्तारित परिसर के रूप में, अरुणाचल प्रदेश में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान की स्थापना की जाएगी। इसका परिसर 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला होगा और इसकी लागत 200 करोड़ रूपए होगी। यह इस क्षेत्र में फिल्म निर्माण के विभिन्न पहलुओं में प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। मंत्री महोदय ने आइजोल में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान(आईआईएमसी) के स्थायी परिसर की स्थापना का भी उल्लेख किया। आईआईएमसी को पूर्वोत्तर क्षेत्र और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के मीडिया प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। संस्थान को 25 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जाएगा। सार्वजनिक प्रसारणकर्ता की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का उल्लेख करते हुए नायडू ने कहा सरकार के विकास कार्यक्रमों, विशेषकर पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बनाए गए कार्यक्रमों और नीतियों का प्रचार- प्रसार करना महत्वपूर्ण है। मंत्री महोदय ने कहा कि शांति ही इस क्षेत्र में विकास का एकमात्र रास्ता है और आतंकवाद तथा उग्रवाद विकास विरोधी है। उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने के लिए स्थानीय बोलियों और भाषाओं में कार्यक्रमों को विकसित करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में लोगों के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए आकाशवाणी पूर्वोत्तर क्षेत्र से संबंधित 28 बोलियों में प्रसारण करता है।