-भारत-बांग्लादेश के बीच 3 डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को तीन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का वर्चुअली उद्घाटन किया। इसमें भारत-बांग्लादेश को जोड़ने वाली दो रेल परियोजनाएं- अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक, मोंगला पोर्ट रेल लाइन और एक मेगा पावर प्लांट- मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट-II शामिल है। मोदी ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि अखौरा-अगरतला रेल लिंक भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों और बांग्लादेश के बीच पहला रेल लिंक है। इसका उद्घाटन एक ऐतिहासिक पल है। पिछले 9 सालों में हमने मिलकर जितना काम किया है, वो कई दशकों में भी नहीं हुआ था। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा- भारत-बांग्लादेश के बीच तीनों प्रोजेक्ट्स का जॉइंट इनॉगरेशन हमारी पक्की दोस्ती और सहयोग को दिखाता है। शेख हसीना ने दोनों देशों के बीच दोस्ती को मजबूत करने को लेकर भारत के पीएम मोदी के कमिटमेंट की सराहना की। अखौरा-अगरतला क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश को दी गई 392.52 करोड़ रुपए की ग्रांट से बनाया गया है। यह 12.24 किमी लंबा है। बांग्लादेश में इसकी लंबाई 6.78 किमी है। वहीं, भारत के त्रिपुरा में यह 5.46 किमी का है। खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन परियोजना को भारत सरकार की रियायती कर्ज सुविधा के तहत 388.92 मिलियन अमेरिकी डॉलर से तैयार किया गया है। इस परियोजना में मोंगला बंदरगाह और खुलना में मौजूदा रेल नेटवर्क के बीच लगभग 65 किलोमीटर ब्रॉड गेज रेल मार्ग का निर्माण शामिल है। इस परियोजना से बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह मोंगला ब्रॉड-गेज रेलवे नेटवर्क से भी जुड़ गया है। मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए भारत ने बांग्लादेश को 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन दिया है। इसे इसी लोन से तैयार किया गया है। यह 1320 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के रामपाल में बनाया गया है। दोनों देशों के पीएम ने सितंबर 2022 में इसकी पहली यूनिट का इनॉगरेशन किया था। 7 महीने पहले यानी मार्च 2023 में मोदी और शेख हसीना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-बांग्लादेश डीजल पाइपलाइन का उद्घाटन किया था। उस दौरान PM मोदी ने कहा था- मुझे विश्वास है कि यह पाइपलाइन बांग्लादेश के विकास को और गति देगी। साथ ही दोनों देशों के बीच बढ़ती कनेक्टिविटी का उदाहरण रहेगी। कोरोना महामारी के दौरान हमें रेल नेटवर्क के जरिए बांग्लादेश को ऑक्सीजन और अन्य राहत का सामान भेजने में सुविधा रही। 130 किलोमीटर लंबी यह पाइपलाइन 377 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनकर तैयार हुई। यह भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पार पहली ऊर्जा पाइपलाइन है। इससे दोनों देशों में ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग बढ़ा। भारत से पाइपलाइन के जरिए डीजल आयात करने के लिए 2017 में एक समझौता हुआ था। इसके बाद मार्च 2022 में इस पाइपलाइन को बनाने का काम शुरू हुआ। इस परियोजना को जून 2022 तक पूरा होना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हुई।

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