टोंक । देश के बच्चे बच्चे को पता है 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती होती है यानी कि 14 अप्रेल के दिन संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव का जन्म हुआ था । लेकिन सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को ये नही पता कि 14 अप्रैल को बाबा साहब जयंती है या पुण्यतिथि तभी तो एक सरकारी आदेशों में जयंती को पुण्यतिथि बताकर सभी को पालना के नहीं भिजवा दिया ।
दरअसल 14 अप्रैल को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जानी है ऐसे में सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से सभी छात्रावासों को एक पत्र लिखा गया। सरकारी पत्र में साफ तौर से इस बात का जिक्र किया गया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी 14 अप्रैल 2018 को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। लेकिन जोश के साथ सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग के अधिकारी होश खो बैठे सब कुछ तो सही था लेकिन जयंती की जगह पुण्यतिथि लिख बैठे । और जिम्मेदार अधिकारियों ने भी पत्र पर मार्किंग कर दी। लोगों को जब पता चला तो खासी नाराजगी जाहिर की विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया लेकिन विभाग की ओर से ना तो संशोधित आदेश जारी किया गया और ना ही इस गलती पर माफी मांगी गई । जिसको लेकर दलित नेता और समाजसेवी अशोक बेरवा, बाबूलाल गुनसारिया व दलित मुस्लिम अधिकार मंच के सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।