-आईसीटीई चेयरमैन ने किया भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी का अवलोकन
jaipur.ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के चेयरमैन प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने आज कौशल शिक्षा में ‘स्विस ड्यूल’ सिस्टम लागू करने वाले भारत में अपनी तरह के अकेले विश्वविद्यालय ‘भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी’ (बीएसडीयू), जयपुर का अवलोकन किया। डॉ राजेंद्र जोशी द्वारा स्थापित बीएसडीयू कौशल शिक्षा की दोहरी प्रणाली (स्विस ड्यूल सिस्टम) वाली एक अनूठी अवधारणा पर काम करता है, जहां सैद्धांतिक जानकारी से कहीं ज्यादा जोर व्यावहारिक औद्योगिक प्रशिक्षण पर दिया जाता है। कौशल शिक्षा की यह दोहरी प्रणाली लागू करने का उद्देश्य कक्षा में शिक्षण की परम्परागत शिक्षा प्रणाली के विपरीत छात्रों के व्यावहारिक प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दिया जाता है ताकि वे विश्वविद्यालय से निकलते ही अच्छी नौकरी के काबिल हो जाएं।
विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर की ओर से एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे को बीएसडीयू के बारे में जानकारी देते हुए विश्व स्तर की कार्यशालाओं और विभिन्न कौशल संकायों में विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित प्रयोगशालाओं के बुनियादी ढांचे के बारे में बताया गया। बीएसडीयू के अपने इस दौरे के अंत में एआईसीटीई के अध्यक्ष का कहना था, ‘बीएसडीयू एक उत्कृष्ट विश्वविद्यालय है जिसमें कुशल श्रमशक्ति का निर्माण करने के लिए तमाम संसाधन और सुविधाएं हैं।’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी उद्योगों की खास आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए छात्रों को प्रशिक्षित करने का एक उत्कृष्ट काम कर रही है। उद्योग में कार्यरत एक व्यक्ति को मशीनों और प्रक्रियाओं का गहरा ज्ञान होना चाहिए, यह केवल शिक्षा प्रशिक्षण की इसी प्रणाली में संभव है। इसके अलावा, यह भारतीय शिक्षा प्रणाली का भविष्य है और मेरा मानना है कि हर इंजीनियरिंग कॉलेज को इस प्रणाली की गुणवत्ता को अपने पाठ्यक्रम के साथ जोडना चाहिए। मेक इन इंडिया की पहल के लिए सक्षम श्रमशक्ति बनाने का यह एकमात्र तरीका है।’
बीएसडीयू के अध्यक्ष डॉ. (ब्रिगेडियर) एस. एस. पाब्ला ने कहा, तकनीकी शिक्षा देने वाले संस्थानों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के तरीकों पर ध्यान देना चाहिए जो छात्रों को अपने कौशल में माहिर बनाते हो। बीएसडीयू भारत के अन्य विश्वविद्यालयों के लिए एक मॉडल कौशल यूनिवर्सिटी है।
प्रत्येक राज्य में बीएसडीयू जैसे विश्वविद्यालय होने चाहिए, जहां छात्रों को उद्योगों की व्यावहारिक स्थितियों के साथ बारी-बारी से मशीनों पर काम करने का वास्तविक अनुभव हासिल करने की सुविधाएं मिल सकें। डॉ. आर.के. जोशी द्वारा स्थापित बीएसडीयू का स्विस ड्यूल सिस्टम कौशल विकास के लिए एक वरदान है क्योंकि इसका पाठ्यक्रम लचीला है और यह पारंपरिक शिक्षा प्रणाली की तरह कठोर नहीं है। बीएसडीयू, भारत में एक अद्वितीय कौशल विकास विश्वविद्यालय है, जिसमें भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए मौके, स्थान और अवसर पैदा करके कौशल विकास क्षेत्र में भारत को उत्कृष्ट बनाने पर ध्यान है। कौशल विकास के लिहाज से बीएसडीयू सर्टिफिकेट से लेकर डिप्लोमा और बी.वोक तक के कौशल प्रोग्राम उपलब्ध करवा रहा है। यहां एम. वोक. और पीएचडी जैसे स्किल प्रोग्राम भी उपलब्ध हैं। यह एक विशुद्ध कौशल विश्वविद्यालय है और इसमें केवल कौशल की पूजा होती है।