जयपुर। राजस्थान के बाल विकास परियोजना के तहत होने वाले करोड़ों अरबों रुपए के कार्यों में बड़े घोटाले का खुलासा गुरुवार को एसीबी ने किया है। घोटाले को लेकर एसीबी ने दो शातिर दलालों को भी धरा है, जो अफसरों से मिलीभगत करके दलालों की चहेती कंपनियों को काम दिलवाते थे और इसके लिए टेण्डरों में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी की जाती थी। एसीबी ने इस घोटाले में लिप्त चार अफसरों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है, साथ ही ओर भी कई बड़े अफसरों के इस मामले में लिप्तता सामने आ रही है।
दलाल चिरंजीवी कुमार जोशी और कमलजीत सिंह राणावत के मोबाइल सर्विलांस पर ले रखे थे एसीबी ने। इन दलालों ने अफसरों के लिए दो जनवरी को जयपुर में एक बड़ी पार्टी भी रखी थी, जिनमें एय्याशी के सारे साधन उपलब्ध कराए गए थे। एसीबी ने दोनो दलालों को घर पर दबिश देकर दबोचा। दलाल जोशी के घर से लाखों रुपए की विदेशी ब्रांड की शराबें की बोतलें मिली है। एसीबी एडीजी आलोक त्रिपाठी और आईजी वीके सिंह ने बताया कि दोनों दलाल अफसरों से मिलीभगत करके बाल विकास परियोजना के टेण्डरों में भारी हेराफेरी करते थे। इस शिकायत सामने आने पर एसीबी ने दोनों पर नजर रखना शुरु कर दिया तो कई खुलासे सामने आए।
दोनों दलाल लाइजिंग के काम में लगे हुए थे। वे चहेती कंपनियों को काम दिलाते थे और इसके लिए लाखों-करोड़ों रुपए की बंदरबांट करते थे। वे मनमाफिक दरों पर टेण्डर दिलाते थे। दिखावे के तौर पर दोनों ने कंपनियां बना रखी थी, लेकिन मैन काम कंपनियों को काम दिलाना ही था। आईजी वीके सिंह ने कहा कि जल्द ही इस मामले में कई और भी खुलासे होंगे। एसीबी ने सीडीपीओ सोमेश्वर देवड़ा, एएफ अस्मिता सरीन, संयुक्त निदेशक(उद्योग) पी.आर. शर्मा और भगवानदास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामले में बड़ा गिरोह सक्रिय है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। एसीबी की इस कार्रवाई से विभाग में हडकम्प मचा हुआ है और कई अफसर नदारद हो गए, साथ ही लाइजिंग में लगे लोग भी भूमिगत हो गए हैं।