नयी दिल्ली। दक्षिण दिल्ली में मॉल, अस्पतालों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा जनता से पार्किंग शुल्क वसूले जाने का मामला आज दिल्ली उच्च न्यायालय में आया जिस पर अदालत ने स्थानीय प्रशासन से इस पर जवाब मांगा।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) को नोटिस जारी किया और उससे जनहित याचिका पर जवाब मांगा। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन प्रतिष्ठानों द्वारा पार्किंग शुल्क वसूलना नगर निगम की अधिसूचना का उल्लंघन है। शहर के एक निवासी ने याचिका में दावा किया कि वर्ष 2015 में एसडीएमसी और 2016 में दिल्ली पुलिस ने मॉल, अस्पतालों या कार्यालय परिसर में वाहन खड़े करने के लिए आम जनता से शुल्क वसूले जाने पर रोक लगाई थी।
जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि ये प्रतिष्ठान रखरखाव के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं और निगम ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। याचिका में आम जनता से पार्किंग शुल्क वसूलने वाले लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने के एसडीएमसी को निर्देश देने की मांग की गई है। अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 19 फरवरी की तारीख तय की है।