Black law

जयपुर। मानसरोवर के आवासीय क्षेत्रों में चल रही दुकानों को लेकर जयपुर नगर निगम को राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने राहत देने से इंकार करते हुए इस संबंध में निगम की ओर से दायर 6 साल पुरानी अपील को खारिज कर दिया है।

हाईकोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा है कि यह समझ से परे है कि आवासीय क्षेत्र में चल रही दुकानों को रोकने के लिए दिए एकलपीठ के दिये गये आदेश से नगर निगम किस तरह से प्रभावित हो रहा है। अपील के अनुसार 2०11 में हाईकोर्ट की ओर से आवासीय इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियां रोकने के आदेश का हवाला देकर नगर निगम ने मानसरोवर स्थित थडी मार्केट निवासी मनोहर भारद्बाज को मकान में दुकान चलाने का नोटिस देकर दुकान सील की थी। भारद्बाज ने नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी।

हाईकोर्ट की एकलपीठ ने व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने के आदेश देते हुए नगर निगम से रिपोर्ट तलब की थी। हाईकोर्ट के सामने आया कि 17० आवासों में दुकानें चल रही हैं। याचिका से मामला उलझ गया तो निगम ने भारद्बाज को दुकान चलाने की अनुमति दे दी। 18 जुलाई, 2०12 को हाईकोर्ट ने व्यावसायिक गतिविधियों पर कार्रवाई कर हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दे दिए। आदेश को निगम ने खंडपीठ में चुनौती दी थी।

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