जयपुर। अजमेर नगर निगम में ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए 2012 में निकाली गई सफाई कर्मचारियों की भर्ती 6 साल बाद भी नहीं करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश अजय रस्तोगी और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने निगम से इस भर्ती का रिकॉर्ड 21 फरवरी को तलब किया है।
इस संबंध में महेन्द्र सहित अन्य ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में अपील दायर कर बताया कि 25 मई, 2012 को अजमेर में सफाई कर्मचारियों के 756 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी। जिसमें 498 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। लेकिन बाद में छंटनी कर केवल 182 अभ्यर्थियों का ही अंतिम चयन हुआ। उनको भी नियुक्ति नहीं देकर एक अन्जान शिकायत को आधार बनाकर 15 जुलाई, 2014 को पूरी चयन प्रक्रिया ही रद्द कर दी गई। निगम प्रशासन पर आरोप है कि ठेकेदार से मिलीभगत होने के कारण नियमित भर्ती नहीं की जा रही है। इस संबंध में दायर एक याचिका को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 5 मई, 2017 को खारिज कर दिया था।