जयपुर। राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद भाजपा के नेता महारानी पदमावती फिल्म को लेकर गंभीर होने का नाटक कर रहे हैं। सभी आंदोलनों और प्रदर्षनों में भाजपा नेता षामिल हो जाते हैं लेकिन अपनी ही सरकार के सामने आवाज बुलन्द करके महारानी पदमावती फिल्म पर रोक नहीं लगवा पाते। खाचरियवास ने कहा कि महारानी पदमावती नारी के आत्मसम्मान का प्रतीक है, भारत के इतिहास, धर्म और संस्कृति का गौरव है। भारत की नारी चरित्र, बलिदान, षौर्य और वीरता की ऐतिहासिक धरोहर है। ऐसे में केन्द्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि अपने राजधर्म का पालन करते हुये देष की जनता की भावनाओं को मध्यनजर रखते हुये तुरन्त प्रभाव से महारानी पदमावती फिल्म पर रोक लगाकर देष की जनता की भावनाओं का सम्मान करे।
खाचरियावास ने कहा कि 3 जुलाई, 2016 को राज्य सरकार ने महारानी पदमावती पर आरटीडीसी की वेबसाईट पर अलाउदीन खिलजी के साथ गलत तथ्य प्रस्तुत करते हुये प्रेम-प्रसंग को लेकर गलत कहानी प्रदर्षित की, इसी कारण पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हुईं। महारानी पदमावती पूरे देष के लिये पूज्यनीय और महिलाओं के आत्मसम्मान का प्रतीक है। उनके लिये राज्य सरकार द्वारा गलत टिप्पणी करने के बाद यह फिल्म बनी। यह फिल्म षुरू से विवादों में रही है, इस फिल्म में मुकेष अंबानी की कंपनी का बड़ा पैसा लगा हुआ है। इसलिये केन्द्र और राज्य सरकार इस फिल्म पर रोक लगाने में पीछे हट रही है अथवा केन्द्र और राज्य में माहौल बिगड़ने की इंतजारी कर रही है। यदि माहौल बिगड़ने के बाद किसी भी तरह की जनहानि हुई और कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी तो उसके लिये केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी।
खाचरियावास ने कहा कि लगातार संजय लीला भंसाली को मदद करने की बात राज्य और केन्द्र सरकार कर रही है, यह पूरी तरह से जन भावनाओं का अपमान है। एक फिल्मकार को पैसे कमाने के लिये सरकार मदद कर रही है। जिन लोगों ने अपना खून बहाकर देष-धर्म की रक्षा की, आज उनके इतिहास को बदनाम करने की कोषिष की जा रही है, उसे किसी भी कीमत पर बर्दाष्त नही किया जा सकता। खाचरियावास ने कहा कि यदि यह फिल्म जबरन रीलिज करने का केन्द्र और राज्य सरकार ने प्रयास किया तो सरकार के प्रयास सफल नहीं होने दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस मामले में मौन साधे हुये हैं, उन्हें आगे बढ़कर इस फिल्म पर रोक लगाकर भारत के जनमत का सम्मान करना चाहिए।