नयी दिल्ली। ) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक शख्स की शिकायत पर उचित कार्रवाई नहीं करने पर पुलिस की आलोचना
की है। अदालत ने कहा कि यह बेदह खेदपूर्ण है कि गरीब लोगों की शिकायतें अनसुनी रह जाती हैं। इस शख्स ने अपनी पत्नी के लापता होने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। न्यायमूर्ति विपिन सांधी और पी एस तेजी की पीठ ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को आदेश दिया कि संबंधित पुलिस थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी समेत जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये।
पीठ ‘‘गरीब लोगों’’ द्वारा दायर की गयी शिकायतों को लेकर पुलिस के रवैये के प्रति अलोचनात्मक थी। पीठ ने कहा, ‘‘यह कहना बेहद खेदपूर्ण है कि आम आदमी की कोई सुनवाई नहीं है, और अक्सर याचिकाकर्ता जैसे गरीब लोगों द्वारा की गयी शिकायतें अनसुनी रह जाती हैं।’’ इस मामले में याचिकाकर्ता निजी गार्ड है जो प्रतिमाह आठ से नौ हजार रूपये कमाता है। पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा मामले में पुलिस ने अगर याचिकाकर्ता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की होती तो स्थिति दूसरी हो सकती है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘यह सीधे सीधे पुलिस की तरफ से हुई लापरवाही है जो मौजूदा मामले में इस स्थिति के लिये जिम्मेदार है।’’