जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि मुख्यमंत्री को तीन उप चुनावों में करारी हार झेलने के बाद मीड़िया एवं जनविरोध के भारी दबाव के चलते काला कानून वापस लेने को मजबूत होना पड़ा है। गहलोत ने एक बयान में कहा है कि भ्रष्टाचार में डूबी यह सरकार आगामी विधानसभा चुनाव में अपने हश्र को देखते हुए डर गयी है। उसका घमण्ड चूर हो गया है।
इसी का नतीजा है कि सरकार ने संस्थागत भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के अपने कुत्सित कदमों को वापस ले लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने एवं पारदर्शिता के लिए सूचना का अधिकार, सुनवाई का अधिकार, सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता कानून, स्पेशल कोर्ट एक्ट, लोकसेवा गारंटी अधिनियम लागू किये थे, लेकिन भाजपा सरकार ने आते ही इन सारे कानूनों को ठण्डे बस्ते में डाल दिया। यदि इन कानूनों को यह सरकार अमल में लाती तो यह काला कानून लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती तथा सरकार को ये बदनामी भी नहीं झेलनी पड़ती।