नई दिल्ली। नशे में वाहन चलाते हुए अगर एक्सीडेंट कर दिया तो अब इंश्योरेंस कंपनियां मुआवजा नहीं देंगी। बल्कि नशे में वाहन चलाने वाले और वाहन मालिक को ही प्रभावित व्यक्ति को मुआवजा देना होगा। शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए गए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में ये प्रावधान किए गए हैं। ये प्रावधान लागू होने से सड़क हादसों में कमी आएगी, वहीं हादसे की स्थिति में मुआवजा भी कम देना होगा। क्योंकि मुआवजा आरोपी ड्राइवर की आय पर निर्भर करेगा, जो काफी कम है। ऐसे में पीडित पक्ष को काफी कम मुआवजा मिलेगा। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रस्तावित संशोधित कानून को लागू करने का मकसद सड़क हादसों की तादाद को आधा करना है। बिल में नाबालिगों ड्राइवरों के वाहन चलाने, तेज रफ्तार और रैश ड्राइविंग करने वालों पर तगड़ी पेनल्टी लगाने, जेल भेजने और ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल करने जैसे कठोर प्रावधान किए हैं। प्रस्तावित कानून में ऑनलाइन टैक्सी सर्विसेज को रेग्युलेट करने के नियम भी शामिल हैं। हादसे में किसी की मौत होने पर गैर इरादतन धाराओं में मामला बनेगा। इसमें दस साल की सजा का प्रावधान रखा है।