जयपुर। जवाहर कला केंद्र में आज तीन दिवसीय हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम ’ध्रुवपद’ फेस्टिवल का आज आगाज हुआ। फेस्टिवल के तहत आज प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा पखावज एवं गायन की भावपूर्ण प्रस्तुतियां दी गई। डाॅ. राजखुषीराम द्वारा पखावज की मधुर प्रस्तुति के साथ शाम के कार्यक्रम की शुरूआत हुई। उन्होंने 9 मात्रा (9 बीट्स) पर आधारित चंद्रक्रिडा ताल की प्रस्तुती दी। यह मृदंग की प्रस्तुति थी। कार्यक्रम का विषेष आकर्षण ‘पखावज‘ पर राजा ताल चैताल की प्रस्तुत रही। डाॅ. राजखुषीराम की इस प्रस्तुति में सारंगी पर लखनऊ के पंडित विनोद मिश्रा ने संगत की।
इसके पष्चात् बृजभूषण गोस्वामी द्वारा ’ध्रुवपद’ गायन पेष किया गया। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत राग ’मालकोष’ में ‘तुम हो गणपति देव बुद्धिदाता‘ बंदिष की प्रस्तुति दी। इसकी रचना स्वयं संगीत सम्राट, तानसेन ने की थी। यह गंभीर और मेडिटेटिव प्रकृति का राग है।
राग ‘षहाना‘ की प्रस्तुति के साथ शाम का समापन हुआ, यह प्रस्तुति ध्रुवपद लय पर आधारित थी। राग ‘शहाना‘ ‘काफी थाट‘ का ‘कन्नड़ अंग‘ का राग है। इसके बोल ‘हर हर हर भूत नाथ‘ थे। इसकी रचना स्वामी विवेकानंद द्वारा की गयी थी। बृजभूषण का साथ ‘पखावज‘ पर प्रवीण कुमार आर्य ने दिया, जबकि सारंगी पर कुलभूषण गोस्वामी ने संगत दी। तानपुरा पर राजा रहमान शेख और श्री राघव दाधीच’ ने साथ दिया।
कल जेकेके में फेस्टिवल के तहत सुनीता अवनी अमीन के गायन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत होगी। इसके बाद डॉ. अष्विन एम दल्वी द्वारा सुरबहार गायन पेष किया जाएगा। इसी दिन डागर बंधुओं – उस्ताद अन्नेसुद्दीन खान डागर व उस्ताद नफेसुद्दीन खान डागर द्वारा गायन प्रस्तुति दी जाएगी।
कार्यक्रम के अंतिम दिन 16 सितम्बर को पंडित रामकुमार मल्लिक एवं समित मल्लिक द्वारा ‘ध्रुवपद‘ गायन की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके बाद पंडित मोहन श्याम शर्मा द्वारा पखावज वादन पेष किया जाएगा। पद्मश्री उस्ताद एफ. वसिफुद्दीन डागर की प्रस्तुति शाम के कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण होगी।
इस वर्ष के ध्रुवपद फेस्टिवल की प्रमुख विशेषता इसमें आयोजित की जाने वाली ’संगोष्ठी’ होगी, जो 15 व 16 सितम्बर को जेकेके में प्रातः 10 बजे से 1.30 बजे तक आयोजित की जाएगी। इसमें ध्रुवपद से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें ‘ध्रुवपद में नाद योग’, ’वर्तमान समय में ध्रुवपद’ और ’ध्रुवपद गायन व प्रस्तुति’ प्रमुख होंगे।
जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन में प्रत्येक दिन शाम 6 बजे ध्रुवपद की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। शाम के कार्यक्रम में टिकट (30 रुपए) के जरिए प्रवेश दिया जाएगा, जो जेकेके के रिसेप्शन से प्राप्त किए जा सकते हैं।