नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन की टूट और सीएम पद से इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि मैंने गवर्नर को इस्तीफा दे दिया है। हम महागठबंधन नहीं तोडऩा चाहते थे। हमसे जितना हो सका, उतना गठबंधन का धर्म निभाया। बिहार और बिहार की जनता के लिए काम किया। लेकिन जो माहौल था, वो काम करने लायक नहीं था। भ्रष्टाचार के आरोपों पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगा, ताकि गठबंधन बना रह सके और जनता में महागठबंधन की छवि खराब ना हो।
इस बारे में आरजेडी और बिहार कांग्रेस से भी कहा, लेकिन जब कुछ रिजल्ट नहीं आया तो अंतरात्मा की आवाज के बाद इस्तीफा दे दिया। नीतीश कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से महागठबंधन की छवि खराब हो रही थी। बिहार में एक गलत धारणा सामने आ रही थी। हम बिहार की जनता से स्वच्छ और ईमानदार शासन देने की शर्त पर चुनाव जीतकर आएं हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार के आरोप जब सामने आए तो उस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए था, पूरे दस्तावेज के साथ, ताकि जनता में हमारी सरकार की छवि पर गलत प्रभाव ना पड़े। जब गठबंधन के दलों ने इस पर गौर नहीं किया तो बिहार के हित में मैंने इस्तीफा देना ठीक समझा।