जयपुर। जम्मू-कश्मीर में पाक गोलीबारी में शहीद हुए प्रदेश के असिस्टेंट कमांडेंट जितेन्द्र सिंह, एएसआई रामनिवास और कांस्टेबल हंसराज गुर्जर के पार्थिव देह आज उनके पैतृक गांव में पहुंची, जहां राजकीय सम्मान से उनकी अंत्येष्टि की गई। हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीदों को अंतिम विदाई दी।
शहीद जितेन्द्र और हंसराज के दो से तीन साल के मासूम बच्चे है। हंसराज के पन्द्रह ीस दिन पहले ही दूसरा बच्चा हुआ था। वे उसे देखने के लिए पन्द्रह जून को आने वाले थे, लेकिन उससे पहले उनकी शहादत की सूचना आ गई। आज जैसे ही जितेन्द्र और हंसराज के मासूम बेटों ने अपने परिजनों के साथ शहीद पिता को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की रुलाई फूट पड़ी। मासूम बच्चे भी सहमे-सहमे से दिखे। उन्हें मां, दादा-दादी, चाचा, मामा व नजदीकी रिश्तेदारों के साथ दूसरे लोग रोते हुए दिख रहे थे। इनके सबके बीच मासूम बच्चे अपने पिता को ढूंढते दिख रहे थे, लेकिन शायद उन्हें यह पता नहीं था कि वे अब इस दुनिया में नहीं है। ये सब उनके पिता की शहादत पर आसूं बहा रहे हैं।
मासूम बच्चों को भी पता नहीं कि वे जिसे मुखाग्नि देकर विदा कर रहे हैं, वे उनके पिता है। गुरुवार सुबह शहादत के तिरंगे में लिपटे तीन शहीदों की देह उनके पैतृक गांव पहुंची। सेना के जवानों ने जैसे ही शहीदों की देह वाहन से नीचे उतारी तो यह देख हर कोई भावुक हो उठा। लोगों के आंखों से आसूं छलक पड़े तो परिजन अपने लाल को देख सुध-बुध खो बैठे। जितेन्द्र सिंह, रामनिवास और हंसराज गुर्जर के माता-पिता, पत्नी, भाई और बेटे-बेटियों की आंखों से आसूं बहते रहे। जितेन्द्र और हंसराज के मासूम बच्चों को देख हर किसी के नेत्र भीगे हुए थे, बहुत से बुजुर्ग उन्हें रोते हुए दुलार रहे थे। दाह संस्कार से पहले हजारों लोगों ने शहीदों के अंतिम दर्शन किए। सेना और पुलिस ने गार्ड आॅफ आॅनर दिया। जैसे ही शहीदों की अर्थी उठी तो उनके जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया।
हजारों लोगों व परिजनों ने अपने लाडले शहीदों को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। शहीद जितेन्द्र सिंह के पार्थिव देह के उनके गांव सलेमपुर पहुंचने और दाह संस्कार के समय भरतपुर जिला कलक्टर, एसपी समेत अन्य आला अफसर नहीं आने से लोगों में गुस्सा दिखा। लोगों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बुधवार रात जयपुर में जितेन्द्र सिंह और रामनिवास की पार्थिव देह आने पर सांसद रामचरण बोहरा, मेयर अशोक लाहोटी, शहीद परिजनों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।