-भाजपा सांसद ओम बिरला पर आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने और पद के दुरुपयोग का मामला
जयपुर। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे कोटा-बूंदी के लोकसभा सांसद और राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता सांसद ओम बिडला के खिलाफ दायर पीआईएल पर आज सोमवार को सुुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्यपीठ में सुनवाई हुई। मुख्यपीठ ने सांसद बिडला के पीए महेन्द्र गौत्तम की पीआईएल पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए उनसे याचिका में लगाए गए आरोपों को लेकर डिटेल शपथ पत्र मांगा है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता महेन्द्र गौत्तम से कहा कि वह बताएं कि उन्होंने सांसद ओम बिडला के साथ कब सर्विस की, साथ ही ओम बिडला पर लगाए गए तमाम आरोपों की कहां और कब-कब शिकायतें दी गई, उनके बारे में शपथ पत्र में बताए। इससे पहले याचिका पर सुनवाई के दौरान लोकसभा के एडवोकेट, सांसद बिडला के एडवोकेट कोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि महेन्द्र गौत्तम सांसद बिडला के पीए रहे हैं और वे मनगढ़त के आरोप लगा रहे हैं। उनकी याचिका में लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। ऐसे में उनकी याचिका को खारिज किया जाए। महेन्द्र गौत्तम के एडवोकेट ने कोर्ट के समक्ष कहा कि उनकी याचिका सही तथ्यों पर है। याचिका में लगाए गए आरोपों के दस्तावेज भी है। इस संबंध में सीबीआई, एसीबी, ईडी समेत अन्य जांच एजेंसी को शिकायतें दी गई, लेकिन किसी ने भी सुनवाई नहीं की।

दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पीएम महेन्द्र गौत्तम से शपथ पत्र में सभी आरोपों के बारे में बताने को कहा है। गौरतलब है कि हाल ही ओम बिडला के पीए रहे महेन्द्र गौत्तम की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पीआईएल के तौर पर एडमिट कर लिया है और इसे डीबी में सुनवाई के लिए भेजा है, जिस पर आज सुनवाई हुई है। मामले में अगली तारीख अगस्त माह में है। याचिका में महेन्द्र गौत्तम ने सांसद ओम बिरला पर भ्रष्ट तरीके से और पद का दुरुपयोग करके करोड़ों अरबों रुपए की सम्पत्ति अर्जित करने के आरोप लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सक्दर के यहां याचिका लगाई। याचिका में सांसद बिरला के अलावा लोकसभा के सचिव, केन्द्र सरकार, ईडी और सीपीडब्ल्यूडी को पक्षकार बनाया है।

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