नयी दिल्ली। पर्यटन मंत्रालय ने होटलों के वर्गीकरण के बारे में नये दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सभी होटलों को अपने दर्ज यानी वे किस सितारा श्रेणी के होटल हैं, के बारे में अपनी वेबसाइट व स्वागत काउंटर पर प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इन नये दिशा निर्देशों का उद्देश्य होटलों के वर्गीकरण को चुस्त दुस्त बनाना है ताकि वे सरल, पारदर्शी हों। देश में होटलों को उनके यहां उपलब्ध सुविधाओं आदि के आधार पर एक से पांच सितारा श्रेणी में रखा जाता है।
आधिकारिक बयान के अनुसार बदलाव के तहत शुल्कों के वर्गीकरण और भुगतान के लिए आवेदनों को केवल डिजिटल प्लेटफॉर्म में देना होगा। डाक द्वारा आवेदन करने और डिमांड ड्राफ्ट द्वारा शुल्क के भुगतान का विकल्प समाप्त कर दिया गया है। इस प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप के कारण संभावित विलंब/गड़बड़ी की आशंका समाप्त होगी। इसी तरह अब किसी होटल को अपने यहां कमियों को सयमबद्ध तरीके से दूर करना होगा। इसके लिए तीन महीने की समयसीमा तय की गई है ताकि समयबद्ध अनुपालन व निपटान सुनिश्चित हो। इन संशोधनों के तहत किसी होटल परिसर में बार के अलावा शराब की दुकान या स्टोरों को ‘शराब के साथ’ स्टार होटल श्रेणी में वर्गीकरण के लिए विचार नहीं किया जाएगा।