kathputhali-nager-jaipur-Illegal-power- connections

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में विधानसभा के नजदीक कठपुतली नगर कच्ची बस्ती में अवैध बिजली कनेक्शनों में गलत जवाब देने के मामले में राजस्थान सरकार को खासी शर्मिंदगी उठानी। दो दिन तक यह मसला विधानसभा और विधानसभा के बाहर मीडिया में खूब उछला। जनता के बीच भी सरकार की खासी किरकिरी हुई। जनता में इस बात को लेकर चर्चा रही कि बिजली निगम के अफसरों की मिलीभगत के बिना कठपुतली नगर और वाल्मीकि बस्ती में अवैध बिजली कनेक्शन नहीं हो सकते। सरकार की नाक के नीचे रोज लाखों रुपए की बिजली चोरी होती रही और अफसर अपनी जेब भरने के लालच में आंखें मूंदे रहे। जयपुर में करौली कलक्टर मनोज शर्मा के मानसरोवर स्थित घर में बिजली चोरी पकड़े जाने पर डिस्कॉम अफसरों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए हर्जाना राशि वसूली, लेकिन मीडिया और विधानसभा में अवैध कनेक्शन और बिजली छीजत का मामला उठने पर डिस्कॉम अफसर चुप्पी साधे क्यों बैठे हैं। जयपुर डिस्कॉम में भ्रष्ट तंत्र और मिलीभगत का आलम यह है कि 21 मार्च, 2017 को राजस्थान विधानसभा में अवैध बिजली कनेक्शन का यह मामला उठने के बाद भी बिजली निगम के अभियंता अभी तक चेते नहीं है, बल्कि इस मामले को लीपापोती में लगे हुए हैं। एक पखवाड़े के बाद भी कठपुतली नगर और वाल्मीकि बस्ती के अवैध कनेक्शन अभी तक हटे नहीं है और ना ही वे लापरवाह अभियंता नपे गए हैं, जिनके गलत जवाब के चलते राज्य सरकार को खासी शर्मिंदगी उठानी पड़ी। तब विधानसभा में केबिनेट मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने जवाब दिया था कि कठपुतली नगर बस्ती में मात्र दो वैध कनेक्शन हैं, जबकि दूसरे दिन मीडिया में समाचार प्रकाशित हुए तो वहां सभी पांच सौ घरों में बिजली कनेक्शन, डिश एंटिना, एसी, टीवी लगे मिले। पूरी बस्ती में अवैध कनेक्शनों की भरमार दिखी, वो भी कई सालों से अवैध कनेक्शनों के माध्यम से बिजली चोरी हो रही है। सूत्रों के मुताबिक जयपुर डिस्कॉम प्रशासन का मानना है कि जयपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता शैलेन्द्र कुमार माथुर, अधिशाषी अभियंता अशोक रावत समेत कुछ कर्मचारी इस अवैध कनेक्शन, बिजली छीजत और विधानसभा में गलत तथ्य पेश करने में लिप्त रहे हैं। इनकी वजह से राजस्थान विधानसभा में सरकार को शर्मसार होना पड़ा। वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के उन आदेशों की धज्जियां उड़ा रखी है, जिसमें आदेश दे रखे हैं कि बिजली छीजत करने वालों पर ठोस और कानूनी कार्रवाई की जाए। जो अफसर और कर्मचारी दोषी है, उन पर भी कार्रवाई की जाए। स्थिति यह है कि बिजली छीजत, अवैध कनेक्शनों व सरकार को शर्मसार करने का इतना बड़ा मामला सामने आने पर भी बिजली निगम कंपनी के आला अफसर इस मामले को दबाने में लगे हुए हैं।

– जेब भरते रहे, अवैध कनेक्शन करते रहे..

निगम में विजीलैंस शाखा का भारी-भरकम पुलिस जाप्ता होने के बाद भी अभी तक अवैध कनेक्शन हट नहीं पाए हैं और ना ही अवैध कनेक्शन लेकर सरकार को चपत लगा रहे लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हो पाई है। उन दोषी अफसर-कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं हो रही हैं, जिनकी वजह से निगम के राजकोष को हर महीने लाखों रुपए की चपत लगी। अवैध कनेक्शन के एवज में अभियंता और कर्मचारियों ने लोगों से मोटी रकम वसूली, हालांकि बिजली चोरी से राजकोष को नुकसान पहुंच रहा है, उस बारे में उन्हें कोई चिंता नहीं रही। वे तो सिर्फ अपनी जेबें भरते रहे और अपनी बिजली कंपनी को नुकसान पहुंचाते रहें।

– रसूखदारों का हाथ तो फिर क्यों डरें..

राज्य सरकार को शर्मसार करने वाले इस अवैध बिजली कनेक्शन और बिजली छीजत मामले में दोषी अभियंताओं और कर्मचारियों को बचाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक ऊर्जा विभाग के एक सलाहकार और डिस्कॉम के एक आला अफसर के चलते दोषी अभियंताओं व कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है, बल्कि उन्हें बचाने में भी लगे हुए हैं। इंटरनल जांच में विधानसभा में अमरुदों के बाग में अवैध बिजली कनेक्शन में गलत तथ्यों के आधार पर जवाब भेजने, बस्तियों में अवैध कनेक्शन, बिजली चोरी मामले में डिस्कॉम के दो अभियंताओं के साथ कुछ कर्मचारियों को भी दोषी माना है। हालांकि इस रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि रसूखदार अफसरों के चलते अभियंता-कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है।

– मंत्री ने कहा दो कनेक्शन, विधायक ने कहा अवैध कनेक्शनों से बस्ती रोशन

राजस्थान विधानसभा में 21 मार्च-17 को भाजपा विधायक अलका सिंह गुर्जर ने कठपुतली नगर और वाल्मीकि नगर कच्ची बस्ती में अवैध कनेक्शनों की भरमार बताते हुए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव से इस मसले को उठाया था। संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने जवाब देते हुए कहा कि अमरुदों के बाग में मात्र दो बिजली कनेक्शन है। अगर वहां अवैध कनेक्शन हैं तो जांच करवाकर उन्हें हटाया जाएगा। तब विधायक अलका सिंह ने कहा कि बस्ती में दो कनेक्शन नहीं है, बल्कि सैकड़ों कच्चे-पक्के घरों में अवैध कनेक्शन हैं। हर घर की छत पर छतरियां लगी हुई हैं। बिजली निगम, शासन सचिवालय और विधानसभा की नाक के नीचे अवैध बिजली कनेक्शन हो रखे हैं। सरकार और बिजली निगम का कोई नियंत्रण नहीं है। अफसरों-कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध कनेक्शन का खेल हुआ है।

LEAVE A REPLY