जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जमीनी धोखाधड़ी में आरोपी बनाए गए अलवर में पदस्थापित एक जिला जज व उसके साथी के खिलाफ दर्ज एफआईआर में जांच रिपोर्ट तलब की है। न्यायाधीश बनवारी लाल शर्मा ने पीडित राजगोपाल बाढ़दार की याचिका पर यह आदेश देते हुए लोक अभियोजक को इस प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई पांच जनवरी को होगी। राजगोपाल बाढ़दार के अधिवक्ता कमलकांत ने कोर्ट को बताया कि लाखों रुपए लेकर भी रजिस्ट्री नहीं कराने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश क्रम एक अलवर में पदस्थापित न्यायाधीश दलीप सिंह जाट एवं उनके साथी उमेश सिंह राजपूत आरोपी है। इनके खिलाफ हरमाडा थाने में मामला दर्ज है। इसमें लाखों रुपए लेकर प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं करवाने एवं एडवांस राशि 34 लाख रुपए का भुगतान नहीं करने को लेकर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। मामले के मुताबिक एडीजे दलीप सिंह जाट का नींदड़ हरमाड़ा स्थित सनसिटी योजना में एक प्लॉट है और दलीप सिंह यह प्लॉट बेचना चाहते थे। राजगोपाल ने यह प्लॉट लेने के लिए दलीप सिंह से बात की और दलीप सिंह ने इसकी कीमत 64.90 लाख बताई। राजगोपाल ने अलग-अलग समय पर करीब 34 लाख रुपए दलीप सिंह को दिए। राजगोपाल ने यह प्लॉट लेने के लिए एक निजी बैंक से करीब 40 लाख रुपए का लोन भी स्वीकृत करवा लिया। लेकिन बाद में दलीप सिंह इस सौदे से मुकर गया और उसने न तो उसने एडवांस ली गई राशि 34.90 लाख रुपए लौटाई और ना ही प्लॉट की रजिस्ट्री करवा रहा है। इस धोखाधड़ी में उमेश सिंह की भी लिप्तता बताई गई है।