रियो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में भारत को अब तक के ओलम्पिकों में सबसे अधिक पदक मिलने की उम्मीदें हैं। इसके पीछे कई खिलाडिय़ों का उम्दा प्रदर्शन और इस ओलम्पिक में देश का सबसे बड़ा खिलाडिय़ों का दल भेजना भी है। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) महासचिव राजीव मेहता की मानें तो ओलम्पिक में भारत के खिलाड़ी करीब 15 पदक जीत सकते हैं, जबकि पिछले साल 2012 में लंदन में हुए ओलम्पिक में भारत को छह पदक मिले थे। उससे पहले बीजिंग में तीन, 2004, 2000 और 1996 में एक-एक तथा 1976 से 1992 तक एक भी पदक नहीं मिला था। वैसे भारत ने अब तक 1900 से 2014 तक कुल 26 पदक जीते हैं। राजीव मेहता का मानना है कि स्टार खिलाड़ी सायना नेहवाल को बैडमिंटन, जीतू राय को निशानेबाजी, मिश्रित युगल टेनिस, पुरुष हॉकी टीम, गोल्फ और कुश्ती में योगेश्वर को पदक मिल सकता है। इसके अलावा तीरंदाजी और एथलेटिक्स में भी हमें पदक मिल सकते हैं। लंदन ओलम्पिक में भारत की ओर से 83 खिलाडयि़ों ने हिस्सा लिया था जबकि इस बार यह संख्या 121 है। संख्या निश्चित तौर पर बढ़ी है लेकिन पदक के दावेदार कम हुए हैं। मसलन, कुश्ती में सुशील कुमार और मुक्केबाजी में एमसी मैरीकॉम रियो नहीं जा रहे हैं। सुशील ने लंदन में रजत और मैरीकॉम ने कांस्य जीता था। वहीं कुश्ती में पदक की उम्मीद लगाए नर सिंह यादव और संदीप डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। इनके अलावा शॉटपूटर इंद्रजीत भी डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि डोपिंग में फसे नर सिंह यादव को नाडा से क्लीन चिट मिल गई है।
इस ओलम्पिक में राजस्थान से भी तीन खिलाड़ी हैं। निशानेबाजी में अपूर्वी चंदेला, मैराथन में सीमा पूनिया और खेताराम ओलम्पिक में पहुंचे हैं। तीनों खिलाडिय़ों का अब तक का प्रदर्शन विश्वस्तरीय रहा है। ऐसे में इन तीनों से भी पदक की खासी उम्मीदें हैं।
एथलेटिक्स में ये दिलवाएंगे पदक
रियो डी जेनेरियो में के ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लेने वाले भारतीय एथलीटों से भी पदक की उम्मीदें हैं। भारत की दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज का मानना है कि कई एथलीट अपनी-अपनी प्रतिस्पर्धा के फ ाइनल तक पहुंचने में कामयाब होंगे। भारत के 121 खिलाडयि़ों में 36 एथलीट शामिल हैं। इनमें चार गुणा 400 मीटर रिले रेस की पुरुष टीम भी शामिल है। एथलेटिक्स में पदक जीत पाना काफ ी मुश्किल है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि बहुत से भारतीय खिलाड़ी अपनी-अपनी स्पर्धा के फ ाइनल तक पहुंचेंगे। पेरिस में 2003 में आयोजित हुए विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में लंबी कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचने वाली अंजू ने कहा कि उन्हें चार गुणा 400 मीटर रिले रेस की पुरुष और महिला टीम के साथ-साथ दुती चंद से काफ ी आशाएं हैं। दुती चंद भारत की ऐसी पहली महिला एथलीट हैं, जिन्होंने ओलम्पिक खेलों में 36 साल में पहली बार 100 मीटर रेस के लिए क्वालीफाई किया है। दुती से पहले 1980 में भारत की उडऩ परी पी. टी. ऊषा ने मॉस्को ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था। पहले की अपेक्षा अब भारतीय खिलाडियों की स्थिति में काफ ी परिवर्तन हुआ है। अंजू ने कहा कि हमारे समय में खिलाडिय़ों के पास सीमित सुविधाएं थीं, लेकिन आज खिलाडिय़ों को यूरोप और अमेरिका में प्रशिक्षण लेने तथा प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का अवसर मिलता है। बॉक्सिंग से भी भारत को काफी उम्मीदें है। 74 देशों के 286 बॉक्सर हिस्सा ले रहे हैं। भारत से तीन बॉक्सर चुनौती देंगे। शिवा थापा, मनोज कुमार और विकास कृष्ण से उम्मीदें हैं।

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