जयपुर, विधि सं.। प्रदेश के फायर बिग्रेड में संसाधनों की कमी होने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्गजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने राजस्थान सरकार एवं जयपुर नगर निगम को नोटिस जारी कर छह स’ाह में जवाब-तलब किया है।
इस संबंध में वकील कुणाल रावत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि प्रदेश में पर्या’ फायर बिग्रेड सिस्टम नहीं है। इसके अलावा फायर केन्द्गों के पास पर्या’ उपकरण नहीं है। नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार 4०,००० की जनसंख्या पर एक फायर बिग्रेड वाहन होना चाहिए। जयपुर में 11 केन्द्गों पर केवल 5० वाहन ही हैं। राज्य के 52 शहर-कस्बों में एक भी फायर बिग्रेड वाहन नहीं है।
विद्याधर नगर में हुए हादसे का उदाहरण देते हुए कहा गया कि फायरकर्मियों को सेना की तरह मुस्तैद होना चाहिए, लेकिन आग लगने पर कर्मचारी बिना संसाधन काफी देरी से पहुंचे। जिसके चलते 5 लोगों की मौत हो गई। फायर बिग्रेड में तैनात फायरमैन संविदा पर लगे हुए हैं। उनके पास तय प्रशिक्षण भी नहीं है। आग बुझाने के लिए जूते तथा मास्क नहीं है।