नई दिल्ली। गुजरात के मशहूर गिर अभयारण्य में शेरों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए केंद्र और गुजरात सरकार से इसकी वजहों का पता लगाने को कहा है। कोर्ट ने शेरों की मौत पर बुधवार को केंद्र और गुजरात सरकार पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बेहद गंभीर मुद्दा है, शेरों को बचाया जाना चाहिए।अभयारण्य में शेरों की मौत के लिए खतरनाक कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) और प्रोटोजोवा संक्रमण को जिम्मेदार माना जा रहा है। इनके कारण अबतक 23 शेरों की मौत हो चुकी है। 26 शेरों वाले इस अभायरण्य में अब केवल तीन ही शेर बचे हुए हैं। लगातार शेरों की मौत से गिर प्रशासन सकते में है। बचे हुए शेरों को बचाने के लिए प्रशासन हर संभव कोशिश में लगा हुआ है।
शुरू में यह वायरस कुत्तों के टॉन्सल, लिंफ (नसों में बहने वाला खास तरल) पर हमला करता है। बीमारी के लक्षण इस वायरस से ग्रसित होने के करीब एक सप्ताह में सामने आता है। इसके बाद यह बीमारी कुत्ते के श्वास नली, किडनी और लिवर पर हमला कर देता है। कुछ दिन में इसके वायरस मस्तिष्क तंत्रिका में पहुंच जाते हैं और कुत्तों की मौत हो जाती है।