The peasant in the assembly of the son of BJP MLA
जयपुर। राजस्थान का एक भाजपा विधायक का बेटा चपरासी पद पर नियुक्त हुआ है। विधायक का बेटा चपरासी, यह सुनकर किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा है। राजस्थान विधानसभा में चपरासी भर्ती प्रक्रिया में जमवारामगढ़ के विधायक जगदीश नारायण मीना के बेटे रामकृष्ण मीना का चयन हुआ है। जमवारामगढ़ से ही भीम सिंह मीना का भी चयन हुआ है। अनुसूचित जनजाति वर्ग में रामकृष्ण मीना के चयन से भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता और चयन पर सवाल उठने लगे हैं। इन पदों पर करीब बीस हजार अभ्यर्थियों ने इंटरव्यू दिए थे। ऐसे में विधायक के बेटे के चयन से बेरोजगार युवाओं में गुस्सा है, वहीं भर्ती प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। यह नियुक्ति पन्द्रह दिसम्बर को हुई है। सफल आवेदकों की सूची में विधायक बेटे का नाम आते ही सोशल मीडिया पर यह मामला खूब चल रहा है।
विधायक बेटे के चयन से सोशल मीडिया पर आक्षेप लगने लगे है कि भर्ती प्रक्रिया में रसूखदारों को अहमियत दी गई है। दिखावे के तौर पर हजारों युवाओं के इंटरव्यू लिए गए, बल्कि नियुक्तियां विधायक व दूसरे रसूखदारों के रिश्तेदारों व नजदीकी लोगों को दी गई है। सफल आवेदकों की सूची में पांच ऐसे भी नाम बताए जाते हैं, जिनमें दो मंत्रियों, दो आईएएस और एक विधायक के नजदीकी है। चपरासी पद के लिए बीस हजार अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिए हैं। इंटरव्यू देने वालों में बड़ी तादाद बीए, एमए, बीएड-एमड, एमबीए, एलएलबी उत्तीर्ण थे। कई दिनों तक इंटरव्यू चले थे। हालांकि सफल आवेदकों की सूची में रसूखदार लोगों के चयन से इंटरव्यू देने वाले युवाओं में निराशा है। भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे है।

LEAVE A REPLY