जयपुर। एससी-एसटी बिल के विरोध में सवर्ण और ओबीसी समाज संगठित होकर सड़क पर उतरने लगे हैं। राजस्थान के हर जिले और कस्बे में ना केवल विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, बल्कि इस बिल के विरोध में छह सितंबर को राजस्थान बंद का आह्वान किया गया है। मंगलवार को सवर्ण और ओबीसी समाज के कई संगठनों की संयुक्त मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। यह भी फैसला किया है कि जब तक केन्द्र सरकार एससी-एसटी एक्ट में संशोधित बिल को वापस नहीं लेगी, तब तक सड़कों पर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। जनप्रतिनिधियों के घर जाकर विरोध दर्शाया जाएगा। उधर, राजस्थान बंद के आह्वान को देखते हुए राज्य में कानून व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बंद के दौरान उपद्रव, हिंसा या कानून व्यवस्था ना बिगड़ जाए, इसके लिए संवेदनशील जिलों व क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया है। एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ उतरे संगठनों ने जनता से स्वेच्छा से छह सितम्बर को सुबह दस से शाम चार बजे तक बाजार बंद रखने, दुकानें-प्रतिष्ठान बंद रखने, शैक्षणिक व ऑफिस की छुट्टी रखने का आह्वान किया है। एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया है। बंद को लेकर व्यापार मण्डलों, औद्योगिक संगठनों व मण्डी एसोसिएशनों से वार्ता शुरु कर दी गई है। रामलीला मैदान में हुई सभा में सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को पलटते हुए जो संशोधित बिल लेकर आई है, वह काला कानून है और सवर्ण व ओबीसी समाज को प्रताडि़त करने वाला यह कानून बनाया है। इस कानून के लागू होने से बिना जांच के किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकेगा, जो गलत है। अगर केन्द्र सरकार ने यह बिल वापस नहीं लिया तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। केन्द्र की भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा। इस सभा में ब्राह्मण, यादव, राजपूत, जाट, वैश्य, कायस्थ समाज के अलावा इन जातियों के प्रभावशाली सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी, कर्मचारी संगठन और समता आंदोलन समिति के पदाधिकारी शामिल हुए। उधर, छह सितम्बर के राजस्थान बंद की सूचना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बंद को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी तैयारी शुरु कर दी है।