राजस्थान आवासन मण्डल की बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय
भूखण्डों के पुनर्गठन, उपविभाजन एवं निर्माण स्वीकृति का पहली बार अभियान
जयपुर। राजस्थान आवासन मंडल की शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में मंडल में प्रवर्तन शाखा के गठन की स्वीकृति, आवासों के पुनर्गठन, उपविभाजन की अनुमति देने, भू-उपयोग परिवर्तन की कार्यवाही करने, मानसरोवर में वीटी रोड पर 20 मंजिला आवासीय भवन के संयुक्त उपक्रम (रवपदज अमदजनतम) में निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। इस ऎतिहासिक बोर्ड बैठक का मुख्य फोकस मंडल की आर्थिक स्थिति सुधारने, मंडल उपभोक्ताओं की समस्याओं को दूर करने के लिए नियमों एवं प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर रहा।
प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास एवं राजस्थान आवासन मंडल के अध्यक्ष श्री भास्कर ए. सावंत ने बताया कि बैठक में उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए मंडल की कार्यप्रणाली का सरलीकरण करने की दिशा में अहम फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि मंडल में कीमतें तय करने के पुराने फार्मूले के अनुसार मूल कीमत पर हर वर्ष 12.75 प्रतिशत ब्याज जोड़कर कीमतें रिवाइज की जाती थीं, जिससे मकान एवं फ्लैट बेतहाशा महंगे होकर उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो जाते थे और बिना बिके आवासों की संख्या भी बढ़ती जा रही थी। इसे देखते हुए अब बोर्ड ने प्रति वर्ष मूल कीमत में 8.5 प्रतिशत ब्याज ही जोड़ने का निर्णय किया है। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने एक परिवार में आवासन मंडल का एक ही आवास आवंटित करने का नियम हटाने और 50 हजार से अधिक आबादी वाले शहर में दूसरा मकान नहीं होने का शपथ पत्र देने की अनिवार्यता भी समाप्त करने का निर्णय किया है।
भूखण्ड पुनर्गठन, उपविभाजन, भू-उपयोग परिवर्तन की राह खुली
आवासन आयुक्त श्री पवन अरोड़ा ने अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि पहले बोर्ड में आवेदकों को आय श्रेणी बदलने की अनुमति नहीं थी। इससे आवेदक आय बढ़ने के बाद चाहकर भी अपनी आय श्रेणी में बदलाव नहीं करवा पाते थे। आज बोर्ड बैठक में आय श्रेणी बदलने की अनुमति देने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि बोर्ड बैठक में भूखंड की पुनर्गठन एवं उपविभाजन की कार्यवाही भी करने का निर्णय लिया गया। इससे उन उपभोक्ताओं को फायदा होगा जो दो या अधिक भूखण्ड खरीदकर एक मकान बनाना चाह रहे हैं अथवा एक बड़े भूखण्ड को दो भागों में उपविभाजन करवाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मास्टर प्लान के अनुसार अपेक्षा चौड़ी सड़कों पर भू-उपयोग परिवर्तन के प्रकरणों पर भी विचार किया जाएगा।
लम्बित निर्माण स्वीकृति देने के लिए चलेगा अभियान
आवासन आयुक्त ने बताया कि निर्माण स्वीकृति के सभी लम्बित प्रकरणों में अभियान चलाकर 30 नवम्बर तक आवेदन प्राप्त किए जाएंगे, जिसके बाद 31 दिसम्बर तक आवश्यक कार्यवाही कर स्वीकृति जारी कर दी जाएगी। यदि 30 नवम्बर कोई आवेदन नहीं करेगा तो नोटिस देकर भूखण्ड आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी।
ई-ऑक्शन में अब 9605 आवास
श्री अरोड़ा ने बताया कि मंडल के ई-अक्शन में अब 7075 नहीं बल्कि 9605 आवास एवं फ्लैट बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। आज 2530 अन्य आवासों को ई-ऑक्शन में शामिल करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ को जयपुर में 211 आवास 10 प्रतिशत छूट पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, इससे आवासन मंडल को 90 करोड़ रुपए की आय होगी। उन्होंने बताया कि मानसरोवर वीटी रोड में 600 फ्लैट के 20 मंजिला आवासीय भवन का निर्माण संयुक्त उपक्रम में किया जाएगा।
मंडल में बनेगी प्रवर्तन शाखा
श्री अरोड़ा ने बताया कि आवासन मंडल में भी प्रवर्तन शाखा गठित की जाएगी, जिसके लिए एक डिप्टी एसपी, एक इंस्पेक्टर, 10 कन्स्टेबल और आवश्यकतानुसार होमगार्ड्स की सेवाएं लेने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि अवाप्ति-अधीन एवं अवाप्तशुदा भूमि पर आगे की कार्यवाही के लिए 9 तहसीलदारों के पद सृजित करने का प्रस्ताव भी भिजवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सम्पत्तियों की डिजिटल मैपिंग करवाने का निर्णय भी किया गया है।
बैठक में लिए गए निर्णयों से मंडल को लगभग 1600 करोड़ से अधिक की राजस्व प्राप्ति की संभावना है।