मुल्जिम ने 7 माह की बच्ची के साथ किया था दुष्कर्म
जयपुर। अलवर जिले में 7 माह की बच्ची से बलात्कार करने वाले अभियुक्त पिटू की फांसी की सजा को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एम.एन. भंडारी और न्यायाधीश बी.एल. शर्मा की खंडपीठ ने मामले को दुर्लभतम अपराध मानने से इंकार करते हुए आजीवन कारावास में बदल दिया है।
अभियुक्त ने अपील दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि 9 मई को फांसी की सजा देते समय कोर्ट ने उसकी उम्र का ध्यान नहीं रखा। उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं और उसकी शादी भी हाल ही में हुई है। फांसी की सजा अपवादजनक है। दूसरी ओर राज्य सरकार ने डेथ रेफरेंस पेश कर हाईकोर्ट को बताया कि 31 अप्रैल, 2०18 को 12 साल से कम उम्र की बालिका से बलात्कार पर फांसी के लिए नया कानून लागू हो गया है।