-राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक
कोटा। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बैंकिंग कम्पनियों से कहा है कि कृषि ऋण जारी करने की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्षी बनाया जाए ताकि किसानों को समय पर ऋण उपलब्ध हो सके और उन्हें इस प्रक्रिया में देरी के कारण खुले बाजर से अधिक ब्याज दर पर कर्ज लेने को मजबूर न होना पडे़। उन्होंने कहा कि बैंक इसकी पूरी व्यवस्था करें कि किसानों को ऋण आवेदन करने के बाद इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी एसएमएस पर मिलती रहे। राजे गुरुवार को कोटा स्थित आरएएसी ग्राउण्ड में ग्राम-2017 के आयोजन स्थल पर राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए भामाशाह योजना के प्रभावी क्रियान्वयन सहित बैंकिंग तंत्र से जुड़ी कई ठोस पहल की हैं। उद्योगों के विकास एवं मकानों के निर्माण के लिए स्टांप ड्यूटी की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए से घटाकर 5 लाख की गई है। भामाशाह रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत शिक्षित बेरोजगारों, महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं दिव्यांगजन को 5 लाख से 10 लाख रुपए तक के ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जा रही है। अच्छे लोन रिकॉर्ड वाले किसानों को ब्याज में छूट देने के लिए 370 करोड़ रुपए का प्रावधान वर्ष 2017-18 के राज्य बजट में किया गया है। सरकार ने लघु अवधि ऋणों की अधिक लागत के कारण सहकारी बैंकों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 150 करोड़ रुपए का प्रावधान करने का भी निर्णय लिया है। किसान किसी भी एटीएम से निकासी कर सकें, इसके लिए सहकारी बैंकों के किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को 26 लाख रूपे किसान डेबिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों विशेषकर कृषि क्षेत्र पर फोकस किया जाये और ऋण जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए ताकि प्रदेश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र की संभावनाओं का दोहन किया जा सके।
राजे ने दूर-दराज के क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाओं का पर्याप्त विस्तार करने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार ऐसे इलाकों में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 20 हजार माइक्रो एटीएम उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर से नीचे ऐडिषनल बिजनेस काॅरेस्पोन्डेन्ट लगाने के काम में तेजी लाने के निर्देष दिये। उन्होंने बैंकों से सीएसआर गतिविधियों में भरपूर भागीदारी करते हुए प्रदेष के विकास में सहभागी बनने का आह्वान किया।
प्रमुख शासन सचिव वित्त पी.एस. मेहरा, प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई सुबोध अग्रवाल ने विभिन्न योजनाओं में बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी अपेक्षाओं के बारे में अवगत कराया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, आरबीआई के सीजीएम पी.के. जैना, एसबीआई के सीजीएम विजय रंजन, नाबार्ड की सीजीएम श्रीमती सरिता अरोड़ा सहित विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकिंग संस्थानों के उच्चाधिकारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।