नई दिल्ली। एयरसेल-मैक्सिम करार मामले में मारन बंधुओं को भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी करने संबंधित सीबाआई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाने से स्पष्ट इंकार कर दिया। इस मामले में प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने सीबाआई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। ईडी का मामले में तर्क था कि सीबीआई कोर्ट ने मामले की प्रक्रिया का ठीक से पालन नहीं किया। ऐसे में बॉड लेकर मारन बंधुओं को छोडऩे के फैसले पर रोक लगनी चाहिए। ईडी के वकील का यह भी कहना था कि ट्रायल कोर्ट में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। मारन बंधुओं को रिहाई के मामले में बॉड भरने के लिए भी नहीं कहा गया। इसी तरह उनकी जब्त संपत्ति को वापस देने का जो आदेश जारी किया गया, वह विधि सम्मत नहीं है। ऐसे में स्पेशल 2जी कोर्ट को निर्देश जारी किए जाए कि मारन बंधुओं को रिहा के बाद जमानत बॉड लेने से रोक जाए। ईडी की इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना। इधर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राज्यसभा सदस्य कनिमोझी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब जाकर न्याय हुआ है। कानून सबसे सबल है। यह बात अब साबित हो गई है। सुप्रीम कोर्ट अब बुधवार को इस मामले में सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि एयरसेल-मैक्सिम करार मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने मारन बंधुओं को भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी कर दिया था। इस मामले में मारन बंधुओं की रिहाई संबंधित फैसले को चुनौती देते हुए ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

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