जयपुर। फसलों को समर्थन मूल्य तय करने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, सब्जियों का भी समर्थन मूल्य तय करने आदि मांगों को लेकर आंदोलित किसान संगठनों के गांव बंद का असर अब राजस्थान के कई जिलों में दिखाई देने लगा है। प्रदेश के हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, शेखावाटी, जयपुर आदि जिलों में गांव बंद के चलते दूध-सब्जी की आपूर्ति बाधित होने लगी है। जयपुर में तो सब्जी और दूध की आपूर्ति तीस से चालीस फीसदी कम हो गई है। इससे लोगों को दूध के लिए भटकना पड़ा तो सब्जियां नहीं आने से मण्ड़ी में साग-सब्जी का टोटा होने लगा है। इससे सब्जियों के भाव तेज होने लगे है। हालांकि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब-हरियाणा की तरह अभी राजस्थान में किसान आंदोलन उग्र नहीं हुआ है।
गांवों से दूध-सब्जी की आपूर्ति पर रोक लगने लगी है। गांव बंद के दूसरे दिन शनिवार को भी जयपुर जिले के चौमू, गोविन्दगढ़, शाहपुरा, सांगानेर, आमेर, कोटपूतली, चंदबाजी आदि क्षेत्रों में किसानों ने सुबह से ही मुख्य सड़कों पर डेरा डाल लिया और दूध व सब्जी लाने वाली गाड़ियों को रोका गया। गाड़ियों को वापस भेजा गया। जो नहीं मानें उनके दूध को बहा दिया गया और सब्जी फैंक दी गई। इस दौरान किसानों में मारपीट की घटनाएं भी हुई। गाड़ियां रोके जाने से शहर में दूध-सब्जी की आपूर्ति काफी कम रही। मोटर साइकिल पर दूध सप्लाई करने वाले भी कम ही दिखे। कई कॉलोनियों में दूध नहीं पहुंचा। गांवों में किसानों ने सरस व दूसरी डेयरी कंपनियों को तो दूध दे दिया, लेकिन कई क्षेत्रों में डेयरी कंपनियों के दूध संकलन वाहनों को रोक लिया और उनका दूध सड़क पर बहा दिया। शुक्रवार को दूध संकलन वाहन चालकों से मारपीट भी हुई थी।
इस वजह से वाहन चालकों ने दूध संकलन नहीं किया। आज भी वाहन चालकों ने चेताया है कि अगर मारपीट की घटनाएं हुई तो वे दूध नहीं उठाएंगे। सब्जियों की आवक नहीं होने से मण्डियां सूनी दिखी। करीब चालीस फीसदी सब्जी कम आई है। जयपुर के दूध संकलन केन्द्र पर भी करीब तीस फीसदी दूध कम आया है। इससे डेयरी बूथों पर सप्लाई प्रभावित रही है। गंगानगर में तो विरोध स्वरुप किसान खुद ही राजमार्गों पर दूध व सब्जियां बेच रहे हैं। हनुमानगढ़ में किसान जिला व तहसील मुख्यालयों पर धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं। शेखावाटी के सीकर, चुरु, झुंझुनूं में भी गांव बंद का असर दिखा। दूध-सब्जियों की सप्लाई रोकी गई। डेयरी कंपनियों के दूध टैंकरों को रोककर दूध सड़क पर बहा दिया गया।