कोलकाता। भारत के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ ‘‘चयनात्मक’’ तरीके से’ मामलों के आवंटन और कुछ न्यायिक आदेशों को लेकर एक तरह से बगावत करने वाले उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों में से एक न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने आज कहा कि ‘‘कोई संकट नहीं है।’’ न्यायमूर्ति गोगोई एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आये थे। कार्यक्रम के इतर उनसे पूछा गया कि संकट सुलझाने के लिए आगे का क्या रास्ता है, इस पर उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘कोई संकट नहीं है।’’ यह पूछे जाने पर कि उनका कृत्य क्या अनुशासन का उल्लंघन है, गोगोई ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि ‘‘मुझे लखनऊ के लिए एक उड़ान पकड़नी है। मैं बात नहीं कर सकता।’’ उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश राज्य विधिक सेवा प्राधिकारियों के पूर्वी क्षेत्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आये थे।