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जयपुर। आखिरकार करणी सेना और राजपूत संगठनों के विरोध के आगे फिल्म वितरक और सिनेमाघर मालिक असहाय दिखे। संजय लीला भंसाली की पदमावत फिल्म की 25 जनवरी को रिलीज घोषणा के बाद भी राजस्थान में फिल्म प्रदर्शित नहीं हो पाई, जो एक तरह से आंदोलित संगठनों की जीत मानी जा रही है। राजस्थान में कही भी फिल्म नहीं लगी और ना ही वितरकों व सिनेमा मालिकों ने इसे लेने की हिम्मत की। राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, हरियाणा व गोवा में भी यह फिल्म प्रदर्शित नहीं हो पाई। महाराष्ट्र, गुजरात,दिल्ली, यूपी के कई शहरों में फिल्म प्रदर्शन के दौरान उग्र व हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसके चलते प्रशासन के होश उड़ गए। यहीं नहीं राजस्थान में फिल्म के प्रदर्शन नहीं होने के बावजूद करणी सेना व दूसरे संगठनों के विरोध प्रदर्शन हुए।
जयपुर में करणी सेना ने इस फिल्म के विरोध और बैन लगाने की मांग को लेकर भवानी निकेतन से राजपूत सभा भवन तक रैली निकाली तो उदयपुर में बाजार बंद करवाए गए। रोडवेज बसें नहीं चलने दी। कुछ बाजारों में दुकानदारों से झड़प भी हुई। बीकानेर, सीकर, जोधपुर, सिरोही, जैसलमेर, बाड़मेर समेत अन्य जिलों में भी करणी सेना ने विरोध प्रदर्शन किया। सिरोही, शिव बाडमेर में बाजार बंद रहे। कुल मिलाकर राजस्थान में जनता कर्फ्यू सफल रहा। सिनेमाघरों में पुरानी फिल्म ही दिखाई दी। भविष्य में भी पदमावत फिल्म के राजस्थान में लगने में संशय ही है। क्योंकि विरोध के चलते कोई फिल्म लेना पसंद नहीं कर रहा है।

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