जयपुर। राजस्थान सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों,आर्थिक शोषण, निजीकरण, ठेका प्रथा, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं करने के विरोध में प्रदेश भर के हजारों कर्मचारियों ने राजधानी जयपुर में रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया के नेतृत्व में कर्मचारियों ने मांगे नहीं माने जाने पर हडताल पर जाने की चेतावनी दी है। शुक्रवार सुबह रामनिवास बाग से हजारों कर्मचारी रैली के रुप में निकले। रैली टोंक रोड, अशोक मार्ग, अहिंसा सर्किल, गर्वनमेन्ट पे्रस, चौैमू सर्किल होते हुए सिविल लाईन्स फाटक पर पहुंची और वहां सभा करके कर्मचारी नेताओं ने राजस्थान सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने के आरोप लगाए। महासंघ अध्यक्ष आयुदान सिंह कविया ने कहा कि सरकार हठधर्मिता की पराकाष्ठा पर है, लेकिन सरकार कर्मचारी शक्तियों को कमजोर ना आंके। कर्मचारी सरकार की कुटिल नीतियों को खूब समझने लगा है। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के.के. गुप्ता एवं मूलचन्द गुर्जर ने सरकार को चेताया कि सरकार का दमन बर्दाश्त से बाहर है। बड़े अफसोस की बात है कि सरकारी योजनाओं की क्रियान्विति करने वाला समुदाय सडकों पर है। सरकार ने कर्मचारियों की 15 सूत्रीय मांगों का निराकरण नही किया एवं 7वें वेतन आयोग की सिफ ारिशें शीघ्र लागू नहीं की तो महासंघ आंदोलन के चरम तक जायेगा। महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड ने विगत 6 माह से चल रहे आंदोलन पर प्रकाश डालते हुए कर्मचारियों को भविष्य में ओर भी बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है। अखिल भारतीय सरकारी राज्य कमज़्चारी संघ के अतिरिक्त महासचिव सुभाष लाम्बा, महासंघ के पूर्व पदाधिकारी केसरलाल चैधरी, मदन सिंह, गिरीन्द्र सिंह, ओम प्रकाश शर्मा, उपाध्यक्ष अखिल भारतीय सरकारी राज्य कमज़्चारी महासंघ व विधाधर सिंह गिल समेत कई बड़े नेताओं ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि निजीकरण बंद किया जाए। सरकार ने मांगों का निराकरण नही किया तो 90 दिवस का नोटिस देकर आम हडताल की चेतावनी दी।

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