जयपुर। लोकसभा में गुरुवार को तीन तलाक विधेयक पर चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया है। इस विधेयक पर पांच घंटे तक चर्चा चली। भाजपा ने इसके पक्ष में विचार रखे तो कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक के कई बिन्दुओं पर आपत्ति जताते हुए इसका विरोध जताया। विधेयक जब पारित हो रहा था तब कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, सपा के सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया। अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां सरकार को इसे पारित करवाने में मुश्किल आ सकती है।
केन्द्र सरकार इस बिल को शीतकालीन सत्र में पेश करेगी। उधर, सुबह इस विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कई बिन्दुओं पर आपत्ति जताते हुए इसे ज्वाइंट सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की। सांसद असदुउद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव व रंजीत रंजन ने विधेयक के तीन तलाक देने के दोषी को जेल भेजे जाने के प्रावधान का विरोध किया। दूसरे विपक्षी दल सपा, बसपा, अन्नाद्रमुक, द्रमुक आदि ने भी विधेयक का विरोध किया।
चर्चा के बाद केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा कि अरब देशों, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे मुस्लिम देशों में तीन तलाक को गैर कानूनी बता रखा है और तीन तलाक देने पर सजा के कड़े प्रावधान है। भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में तीन तलाक का विरोध गलत है। यह बिल मुस्लिम महिला सशक्तिकरण के लिए जरुरी है। चर्चा और जवाब के बाद विधेयक को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।