रायपुर. छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल ने कार्रवाई कर दो वर्ष में तीन सौ माओवादियों को मार गिराया है।
विधानसभा में आज राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस महीने की 18 तारीख को सुकमा जिले के एलारमड़गु नक्सली हमले का मामला उठाया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, सत्यनारायण शर्मा और धनेंद्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित है। कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित है। लगातार नक्सलियों की हिंसक घटनाओं के कारण प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है तथा आम जीवन प्रभावित है। शासन की विकास योजनाएं वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में मात्र कागजों तक ही सीमित है।
विपक्षी दल ने इस विषय पर काम रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की। इसके जवाब में राज्य के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा ने सदन को बताया कि वर्ष 2016, 2017 और वर्ष 2018 में सुरक्षा बलों ने 440 मुठभेड़ में लगभग तीन सौ नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें से 225 कुख्यात माओवादियों के शव भी बरामद किए गए हैं।
पैकरा ने बताया कि इस दौरान 2160 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है तथा 577 हथियार भी बरामद किया गया है। वहीं, 597 बारूदी सुरंग बरामद किया गया है।
गृह मंत्री ने बताया कि राज्य में शासन की आत्मसमर्पण और पुर्नवासी नीति से प्रभावित होकर इस अवधि में 1589 नक्सलियों ने आत्समर्पण किया है। पैकरा ने कहा कि विगत वर्षों में नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया है। शासन की विकास की नीतियों के कारण तथा सुरक्षाबलों की सफल कार्यवाही के कारण नक्सलियों का प्रभाव निरंतर घट रहा है। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में ही लगातार सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के कोर इलाकों में सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा तथा नारायणपुर में आपरेशन प्रहार एक और दो चलाकर नक्सलियों के वर्षों से सुरक्षित गढ़ों को भेदने में सफलता प्राप्त की है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच अब तक 32 मुठभेड़ें हुई है। जिसमें दर्जनों नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है तथा पुलिस द्वारा 13 माओवादियों का शव भी बरामद किये गये हैं।
मंत्री ने कहा कि बीते रविवार को एलारमड़गु गांव के जंगल में चार घंटे तक मुठभेड़ हुई। इसमें एसटीएफ और डीआरजी के जवानों ने जिस वीरता से नक्सलियों का मुकाबला किया वह ऐतिहासिक है। इस दौरान डीआरजी के दो जवान सहायक आरक्षक मड़कम हांदा एवं सहायक आरक्षक मुकेश कड़ती वीरगति को प्राप्त हुए। पैकरा ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि राज्य शासन की नक्सलियों के खिलाफ कोई नीति नहीं है और नक्सली लगातार हावी है।
पैकरा के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।