-रामगंज में गौवंश का 2०14 में वध करने का मामला, तीन हत्यारों को 1० साल का कठोर कारावास एवं 6० हजार रुपए का जुर्माना
जयपुर। गौवंश की हत्या के मामले में जयपुर की कोर्ट ने तीन मुलजिमों को बड़ी सजा दी है। रामगंज थाना इलाके में गलता रोड पर घर के सामने गाय के साथ बंधी हुई 6 माह की बछडी का वध करने के आशय से ले जाकर वध करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रम-12, जयपुर मेट्रो कैलाश चन्द्र मिश्रा ने बुधवार को गौवंश की हत्या करने वाले अभियुक्त अमजद कुरैशी पुत्र शौकत निवासी बंजारा बस्स्ती, फिरोज पुत्र मजीद निवासी चौकडी तोपखाना और फैसल पुत्र मो. आरिफ निवासी धानका बस्ती-रामगंज को राज. गोवंशीय पशु (वध का प्रतिष्ोध और स्थायी प्रवजन या निर्यात का विनियम) एक्ट 1995 की विभिन्न धाराओं में दोषी मानकर 1०-1० साल की सश्रम जेल एवं 2०-2० हजार रुपए के जुर्मानें की सजा से दण्डित किया है।
कोर्ट ने आदेश में कहा है कि अभियुक्तों के कार्य से साम्प्रदायिक भावनायें भडक सकती थी एवं जिससे जान-माल को नुकसान होता। ऐसे में उनके कृत्य को लेकर नरमी नहीं बरती जा सकती है। इस मामले में पुलिस ने पुख्ता साक्ष्य एकत्रित कर तीनों अभियुक्तों को 7 मई, 2०14 को गिरफ्तार किया था। प्रकरण के अनुसार जगदीश मीणा ने रामगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह गलता रोड पर निवास करता है। घर के बाहर उसने छह माह की बछडी को बांधा था, जो सुबह खूंटा-सांकल सहित गायब मिली।
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अमजद की इतिला पर छुरी, बछडी का मांस, खाल के टूकड़े, कान-पूंछ सहित अन्य सामान, फिरोज की इतिला पर सांकल, लोहे का पाईप-खूंटा व अन्य बरामद किया था। एफएसएल ने मांस को गोवंश का माना है। साथ ही एक्टीवा एवं मुल्जिमों के कपडों पर मिले खून के धब्बे भी बछडी के ही साबित हुए। मुल्जिमों के बछडी का वध सरेआम नहीं करने के आधार पर कोर्ट ने आईपीसी की धारा 153 ए के अपराध में तीनों को बरी कर दिया।