Black law

जयपुर। शास्त्रीनगर में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर पूर्व महापौर अशोक परनामी तथा ज्योति खण्डेलवाल के फर्जी हस्ताक्षर कर स्वयं के पिता व भाई के नाम से फर्जी पट्टे जारी कर उन्हें सब रजिस्ट्रार-5 जयपुर से रजिस्टर्ड कराने के जुर्म में 1० मई को गिरफ्तार किए गए महेश कुमावत निवासी गुर्जर बस्ती नाहरीका नाका शास्त्रीनगर की जमानत अपील एडीजे सुरेश चन्द बंसल ने खारिज कर दी। प्रकरण में आरोपी महेश का छोटा भाई गजानंद कुमावत एवं पिता मोहरीलाल भी आरोपी हैं, जो फरार हैं।

सरकारी वकील श्रीकृष्ण खण्डेलवाल ने कोर्ट को बताया कि तीनों के नाम 15 मई 2०13 को एक ही दिन में पृथक-पृथक पट्टे बनाए गए हैं, जिनमें से एक पट्टे पर पूर्व महापौर अशोक परनामी के तथा दूसरे पट्टे पर तत्कालीन महापौर ज्योति खण्डेलवाल के नाम के हस्ताक्षर करके फर्जी पट्टों की कूट रचना की है। अभियुक्त महेश के खिलाफ दो अन्य मुकदमे शास्त्री नगर और बनीपार्क थानों में भी दर्ज है। आरोपी आपराधिक प्रवृति का है। इसलिए अपील खारिज की जाए।

-यह है मामला

इस मामले को लेकर पूर्व मेयर ज्योति खण्डेलवाल ने 25 मई, 2०16 को शास्त्री नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस को दिए बयानों में खण्डेलवाल ने पट्टे पर स्वयं के हस्ताक्षर होने से इन्कार किया है। आरोप है कि फर्जी पट्टों को मूल्यवान प्रतिभूति के रूप में प्रयोग करते हुए सही होना बताकर उप पंजीयक.पंचम पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग जयपुर के समक्ष 13 अगस्त और 14 अगस्त 2०13 को रजिस्टर्ड करवाया। रजिस्ट्री के समय कपिल व राकेश ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर भी किए हैं।

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