जयपुर। जयपुर में फटेहाल हालत में पकड़े तीन तस्करो के पास करीब तीन सौ ग्राम बेशकीमती हेरोइन मिली थी, जिसका बाजार भाव तीस लाख रुपए के करीब है। तस्करों को जब पकड़ा था, तब वे फटेहाल में थे। कोर्ट में पेश किया तो उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि किसी को वकील भी कर ले। जब कोर्ट ने दो-दो लाख रुपए का हर्जाना लगाया तो वे बोले हमारे पास तो दो पैसे भी नहीं है।
पैसे ही होते क्यों इसकी हालात में फंसते। यह कहना है उन तीन तस्करों को जिसे कोर्ट ने दस दस साल की सजा सुनाई। सिंधी कैंप बस स्टैंड से 13 जून, 2017 को मादक पदार्थ अल्प्राजोलम के साथ गिरफ्तार किए गए महिला सहित तीन तस्करों को एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत में जज नेपाल सिंह ने दस साल के कठोर कारावास एवं छह लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने झालावाड़ के भवानी मंडी निवासी अवंतिका पत्नी रतन लाल, गुमान सिंह तथा सरदार सिंह को एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 सी में 10 वर्ष की सजा से दंडित किया है।
स्वापक नियंत्रक ब्यूरो, एनसीबी वैशाली नगर अजमेर को 12 जून 2017 को सूचना मिली कि जयपुर में 300 ग्राम हेरोइन की डिलीवरी देने एक महिला आएगी। 13 जून को सुबह 4 बजे सिंधी कैंप स्टैंड से आसूचना अधिकारी की टीम ने उपरोक्त तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 290 ग्राम नशीली दवा अल्प्राजोलम बरामद की थी। तीनों अभियुक्तों को जेल प्रशासन ने शुक्रवार को अदालत में फटेहाल कपड़ों में पेश किया। तीनों की गरीबी स्पष्ट झलक रही थी। 13 जून 2017 को गिरफ्तारी के बाद तीनों को जमानत नहीं मिल सकी। तीनों तस्कर बचाव में अपने वकील भी नहीं कर सके। विधिक सेवा प्राधिकरण ने तीनों को एक वकील उपलब्ध कराया था। सजा सुनने के बाद महिला निर्णय की प्रति स्वयं ही जेल ले गई। तीनों से मिलने ना तो कोर्ट और ना ही जेल में कोई आया। दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगने पर उन्होंने कहा कि हमारे पास तो दो-दो रुपए भी नहीं हैं।