-हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
जयपुर। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण/एनटीसीए की बिना अनुमति टी-91 टाइगर को मुकन्दरा हील्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट करने पर राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्गजोग और न्यायाधीश जी आर मूलचंदानी की खंडपीठ ने केन्द्ग सरकार, वन मंत्रालय, राज्य सरकार, राज्य के मुख्य सचिव, एसीएस वन, प्रिंसीपल चीफ कन्जर्वेटर ऑफ फारेस्ट, चीफ कन्जर्वेटर ऑफ फारेस्ट एवं प्राधिकरण को नोटिस जारी कर 11 मई तक जवाब-तलब किया है। इस संबंध में अजयशंकर दूबे ने जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि वन विभाग ने गत दिनों रामगढè विषधारी वाइल्ड लाइफ सेंचूरी से टी-91 टाइगर को मुकन्दरा हिल्स में शिफ्ट किया है।
इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की अनुमति नहीं ली गई। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को आवेदन करने पर वन विभाग को 9 अक्टूबर, 2०17 को सैद्धांतिक रूप से अनुमति मिल गई थी, लेकिन शर्ते पूरी नहीं करने पर प्राधिकरण ने अनुमति वापस ले ली थी। शर्तो के अनुसार विभाग को दो मादा टाईगर और एक नर टाइगर को एक साथ शिफ्ट करना था। साथ ही टाइगर शिफ्ट करने से पहले वहां उनके भोजन की उपलब्धता की जानकारी हासिल करनी थी। मुकन्दरा में टी-91 को शिफ्ट कर उसके अस्सी वर्ग किलोमीटर में फैंसिग कर दी गई है। जिससे टाइगर वहां से बाहर नहीं जा सके।
शिफ्टिंग के बाद टाइगर के लिए बीकानेर से 8० चीतल मंगाए जा रहे हैं। सरकार का यह कदम टाइगर के लिए नए आवास का विकल्प नहीं होकर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने तक ही सीमित है।राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने 6 अप्रैल को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि उनकी अनुमति के बिना ही उपरोक्त टाइगर को शिफ्ट कर दिया गया है। दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए।